
CBSE Board Exam 2024: पिछले कुछ दिनों से बोर्ड परीक्षाएं 2024 सुर्खियों में हैं. दरअसल हाल ही में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूल एजुकेशन का नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) तैयार किया गया है. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी, जिसमें छात्रों के पास सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प होगा, जबकि कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को एक के बजाय दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा. सीबीएसई, सीआईएससीई, यूपी, बिहार बोर्ड समेत तमाम स्टेट बोर्ड की बोर्ड परीक्षाएं भी अब से साल में दो बार आयोजित की जाएंगी.
एनसीएफ की गाइडलाइंस के मुताबिक साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षाएं टर्म वाइज आयोजित नहीं की जाएंगी. जिस परीक्षा में स्टूडेंट के अच्छे मार्क्स होंगे, वहीं स्कोर मान्य होंगे. इसका मतलब है कि अब बोर्ड परीक्षा पास करने के लिए स्टूडेंट को साल में दो मौके मिलेंगे.
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है और 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए इसके आधार पर पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी. अंतिम एनसीएफ (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा) दस्तावेज़ में कहा गया है, "कक्षा 11वीं और 12वीं में, छात्रों को दो भाषाओं को पढ़ना होगा और उनमें से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए."
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नए करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने पर जोर दिया जाएगा. इसके तहत अब हल्का बोर्ड परीक्षएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने के बजाय विद्यार्थियों की समझ और दक्षता का आकलन किया जाएगा. यही नहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को चयन आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि स्टूडेंट को पसंद का विषय चुनने की पूरी आजादी होगी.
एनसीएफ में कहा गया, "छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष में कम से कम दो बार बोर्ड परीक्षा की पेशकश की जाएगी. छात्र तब उन विषयों में बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिसके लिए वे तैयार महसूस करते हैं.''
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