NEET 2018 : रोज 12 घंटे पढ़कर बिहार की कल्पना बनीं ऑल इंडिया टॉपर, जानें उनके ये खास सीक्रेट्स

बिहार की रहने वाली कल्पना कुमारी ने नीट (NEET) 2018 एग्जाम में ऑल इंडिया में पहला रैंक हासिल किया है.

NEET 2018 : रोज 12 घंटे पढ़कर बिहार की कल्पना बनीं ऑल इंडिया टॉपर, जानें उनके ये खास सीक्रेट्स

कल्पना कुमारी ने नीट (NEET) 2018 एग्जाम में ऑल इंडिया में पहला रैंक हासिल किया है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कल्पना कुमारी ने नीट NEET 2018 में पहला स्थान हासिल किया
  • बिहार के शिवहर जिले की रहने वाली हैं कल्पना
  • उन्होंने बताया कि रोज 12-13 घंटे पढ़ाई करती थीं
नई दिल्ली:

बिहार की रहने वाली कल्पना कुमारी ने नीट (NEET) 2018 एग्जाम में ऑल इंडिया में पहला रैंक हासिल किया है. कल्पना के 99.99% फीसदी पर्सेंटाइल आये हैं और उन्हें 720 में से 691 अंक मिले हैं. बिहार के शिवहर जिले की रहने वाली कल्पना ने नीट की तैयारी करने के लिए दिल्ली आने का फैसला लिया. NDTV से बातचीत में कल्पना कहती हैं कि वह बचपन से मेहनती थी और अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर दिन बारह से तेरह घंटे की पढ़ाई करती थीं. NCERT  की किताबों को उन्होंने बेहद ध्यान से पढ़ा और साथ ही साथ अपने कोचिंग के मटेरियल से पढाई की. कल्पना मॉक टेस्ट को तैयारी के लिए बेहद जरूरी मानती हैं, और उनका मानना है की हर स्टूडेंट को टेस्ट देते रहने चाहिए, ताकि वह अपनी परफॉरमेंस को नाप सकें और गलती न दोहराये. 

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kalpana and parents

कल्पना को AIIMS 2018 रिजल्ट का भी इंतज़ार है, क्यूंकि उनका सपना एम्स में पढ़ने का है. उनका मानना है कि अगर आपके कॉन्सेप्ट्स क्लियर हैं, तो फिर आपको चाहे NEET  हो या एम्स का एग्जाम आप उसे आसानी से क्लियर कर सकते हो. अगर अंकों की बात करें, तो कल्पना कुमारी ने फिजिक्स में 180 में से 171 अंक,  केमेस्ट्री में 180 में से 160 अंक और बायोलॉजी में 360 में से 360 अंक हासिल किए हैं. देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए इस साल 6 मई को NEET परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसका परिणाम 4 जून को ही जारी किया गया. 

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NEET में क्वॉलिफाई करने के बाद सफल छात्रों को एमबीबीएस और बीडीएस के लिए ऑल इंडिया कोटा सीट से जुड़ी काउसलिंग और राज्य स्तर पर आयोजित काउसलिंग दोनों में शामिल होने का मौका मिलता है. देशभर के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस सीटों पर दाखिले के लिए सिंगल विंडो एग्जाम है. हालांकि, इस टेस्ट में एम्स और जेआईपीएमईआर संस्थानों में दाखिले की प्रक्रिया का मामला शामिल नहीं है.

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