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This Article is From Sep 04, 2017

बंद होंगे 800 इंजीनियरिंग कॉलेज, कम एडमिशन के चलते AICTE ने लिया फैसला 

अभी तक काउंसिल ने इन कॉलेजों की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. जब तक सभी कॉलेज अपनी फाइनल रिपोर्ट जमा नहीं करवाते हैं, तब तक लिस्ट जारी नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि किन कॉलेजों को बंद किया जाना है और कौन से कॉलेज किसी और कॉलेज में शामिल किए जाएंगे.

बंद होंगे 800 इंजीनियरिंग कॉलेज, कम एडमिशन के चलते AICTE ने लिया फैसला 
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अभी तक काउंसिल ने इन कॉलेजों की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया है.
देश में अभी फिलहाल 10,361 इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में 1165 और आंध्र प्रदेश में 800 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं.
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) अगले एकेडमिक ईयर से देशभर में 800 इंजीनियरिंग कॉलजों को बंद करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि पिछले पांच सालों में इन कॉलेजों में काफी कम एडमिशन हुए हैं. एआईसीटीई ने सभी कॉलेजों को सितंबर के दूसरे सप्ताह तक रिपोर्ट तलब करने को कहा है. ऐसे कॉलेज जिनमें पिछले पांच सालों में 30 फीसदी से कम एडमिशन हुए हैं, उन्हें बंद करने या फिर पास के किसी कॉलेज के साथ मिला देने का ऑप्शन रखा गया है. बताया जा रहा है कि यह फैसला पूरे देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में की गई स्टडी के बाद लिया गया है.

हालांकि अभी तक काउंसिल ने इन कॉलेजों की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. जब तक सभी कॉलेज अपनी फाइनल रिपोर्ट जमा नहीं करवाते हैं, तब तक लिस्ट जारी नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि किन कॉलेजों को बंद किया जाना है और कौन से कॉलेज किसी और कॉलेज में शामिल किए जाएंगे. आने वाले शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से यह बदलाव देखे जाएंगे. 
 एआईसीटीई के अधिकारियों ने कहा कि काउंसिल हमेशा इंजीनियरिंग एजुकेशन की गुणवत्ता को सुधारने की कोशिश करता है. काउंसिल का यह फैसला भी इन्हीं कोशिशों में से एक है. देश में अभी फिलहाल 10,361 इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं. जिनमें से सबसे ज्यादा 1500 कॉलेज महाराष्ट्र में हैं. इसके अलावा तमिलनाडु में 1300, उत्तर प्रदेश में 1165 और आंध्र प्रदेश में 800 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई में सुधार के लिए एआईसीटीई ने कॉलेजों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने का भी फैसला लिया है. इसके अलावा दूसरे और तीसरे साल में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए इंडस्ट्री इंटर्नशिप को भी अनिवार्य किया गया है.
 
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