भारतीय प्रतिभूतियों में अमेरिकी निवेश 2010 के मुकाबले पिछले साल करीब 35 फीसद घटकर 59 अरब डॉलर रह गया।
नई दिल्ली में जारी ताजा सरकारी आंकड़े के मुताबिक अमेरिकी सरकार के पास 2011 में 59 अरब डॉलर की प्रतिभूति थी जिनमें शेयर और दीर्घकालिक ऋण भी शामिल है। 2010 के अंत तक अमेरिकी सरकार के पास 91.49 अरब डॉलर की प्रतिभूति थी।
अमेरिकी सरकार के पास 2011 में जो शेयर, दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण थे उनमें 55 अरब डॉलर के भारतीय शेयर थे।
विदेशी प्रतिभूतियों में अमेरिकी निवेश से जुड़ी प्राथमिक सालाना रपट के मुताबिक अमेरिका का पिछले साल भारत दीर्घकालिक ऋण और अल्पकालिक ऋण में क्रमश: तीन अरब डॉलर और एक अरब डॉलर का निवेश था।
यह आंकड़ा अमेरिकी वित्त मंत्रालय, फेडरल रिजर्व बैंक और फेडरल रिजर्व सिस्टम के बोर्ड ऑफ गवर्नर के संयुक्त सर्वेक्षण पर आधारित है।
अमेरिकी सरकार के पास 2010 में 86.45 अरब डॉलर को शेयर, 4.4 अरब डॉलर के दीर्घकालिक ऋण और 61.4 करोड़ डॉलर के अल्पकालिक ऋण थे।
अमेरिका का 2011 के अंत तक विदेशी प्रतिभूति में निवेश 6,840 अरब डॉलर था जिसमें सिर्फ विदेशी शेयरों में निवेश 4,500 अरब डॉलर का था। 2010 के अंत तक भी विदेशी प्रतिभूतियों में करीब 6,760 अरब डॉलर का था जबकि विदेशी शेयरों में निवेश थोड़ा अधिक 4,650 अरब डॉलर था।