Silicon Valley Bank collapse: सिलिकॉन वैली बैंक को दुनिया भर के स्टार्टअप इकोसिस्टम (Startup Ecosystem)की फंडिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता था. पिछले शुक्रवार को ही अमेरिकी रेगुलेटर ने बैंक को दिवालिया घोषित कर उसकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया और बैंक पर ताला लगा दिया गया.सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद उसे बंद करने के आदेश से कई भारतीय स्टार्टअप प्रभावित हुए हैं. भारतीय स्टार्टअप अमेरिकी मार्केट से कैपिटल यानी पूंजी हासिल करने के लिए वहां इनकॉर्पोरेट किए जाते हैं और वेंचर कैपिटल फर्म और दूसरे आर्थिक संस्थाओं से वह कैपिटल हासिल करते हैं. भारतीय स्टार्टअप्स इसका एक बड़ा हिस्सा सिलीकान वैली बैंक में जमा करते थे. जिस वजह से वह बैंक के दिवालिया होने से आर्थिक संकट में फंस गए हैं.
इस बैंकिंग संकट (Silicon Valley Bank Crisis) से सबसे ज्यादा वह भारतीय StartUp प्रभावित हुए हैं जिनका कस्टमर बेस उत्तरी अमेरिका के मार्केट में था. यह फर्म अमेरिका में सॉफ्टवेयर-एज-सर्विस कैटेगरी के थे जो अधिकतर सिलीकान वैली बैंक में जमा पूंजी जमा करते थे. कई भारतीय StartUp ने कहा है कि उनके पास 2 से 5 महीने तक बिजनेस ऑपरेशन के लिए पूंजी है क्योंकि उनकी फंड का एक बड़ा हिस्सा सिलिकॉन वैलीबैंक दिवालिया होने से फंस गया है.
पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अमेरिकी सरकार Silicon Valley Bank (SVB) को बेलआउट करने के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान करेगी. लेकिन रविवार को अमेरिकी सरकार ने बैंक के लिए कोई भी बेलआउट पैकेज देने से साफ इनकार कर दिया. फिलहाल अमेरिका की फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉपोरेशन (FDIC) ने सिलिकॉन वैली बैंक संकट को दूर करने के विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है. यह कहा जा रहा है सिलीकान वैली बैंक को फिर से खड़ा करने के लिए एक विकल्प बैंक का अधिग्रहण भी है.
2008 के बाद आए इस बड़े बैंकिंग संकट से भारतीय StartUps को बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है इस बैठक में सिलीकान वैली बैंक के दिवालिया होने से जो भारतीय स्टार्टअप्स प्रभावित हुए हैं उनके प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने NDTV से कहा है कि वो स्टार्टअप के साथ बैठकर उनकी समस्या को समझना चाहते हैं और उन्हें इस संकट से बचाने के लिए विकल्पों पर विचार करना चाहते हैं. संभव है कि कल शाम तक भारत सरकार की तरफ से एक संकेत सामने आ सकता है कि मौजूदा संकट से भारतीय स्टार्ट को बचाने के लिए सरकार क्या इस मामले में हस्तक्षेप करेगी?