व्यापारियों का संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को चुनौती देगा. कैट का कहना है कि इस करार में क़ानूनी रास्तों को तोड़ा मरोड़ा गया है. कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बयान में कहा कि सौदे के अस्तित्व में आते ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन होगा वहीं एक असंतुलित प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा.
कैट का कहना है कि वास्तव में इस सौदे के माध्यम से वॉलमार्ट खुदरा कारोबार पर कब्जा करने के अपने छिपे एजेंडा को पूरा करेगी. कैट ने कहा कि वॉलमार्ट कोई ई कॉमर्स कंपनी नहीं है और इस क्षेत्र में उसकी कोई विशेषज्ञता नहीं है फिर भी वॉलमार्ट ने अपने असीमित संसाधनों के बल पर फ्लिपकार्ट से यह करार किया है, जिसके जरिये वह खुदरा बाज़ार में विदेशी उत्पादों का विशाल जाल बिछाएगी.
दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया की उनके वकीलों की टीम सौदे को समझ रही है और जल्द ही इसके चुनौती देने के लिए जरूरी कदम उठाया जाएगा.