शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले सप्ताह बड़े आर्थिक सुधारों की घोषणा के बाद सरकार कुछ और नीतिगत कदम उठा सकती है, जिससे शेयर बाजार का रुख निर्धारित होगा। विशेषज्ञों के अनुसार वैसे बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है तथा पिछले सप्ताह की भारी तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र तथा विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने जैसे आर्थिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध रहेगी।
वीपी बोनान्जा पोर्टफोलियो के राकेश गोयल ने कहा, राजनीतिक दृढ़ता एवं स्थिरता तथा आगे और सुधारों की उम्मीद ने कारोबारी धारणा में तेजी कायम रखी। बाजार सूत्रों ने कहा कि खुदरा क्षेत्र, विमानन और प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई पर सरकार के मजबूती के साथ कायम रहने से निवेशकों की धारणा को मजबूती मिली।
रेलीगेयर सिक्युरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजेश जैन ने कहा, पिछले सप्ताह की भारी तेजी के बाद बाजार में ऊंचे स्तर पर कुछ मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। इसी तरह की तेजी इस सप्ताह नहीं हो सकती, लेकिन निकट भविष्य में सकारात्मक धारणा कायम रहने की संभावना है।
आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के सरकार के फैसले से शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 403.58 अंक की तेजी के साथ 18,752.83 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 136.90 अंक की तेजी के साथ 5,691.15 अंक पर बंद हुआ।
यूपीए की प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन से बाहर निकलने के बाद समाजवादी पार्टी द्वारा सरकार को अपने समर्थन का आश्वासन देने के बाद शुक्रवार को सेंसेक्स 14 महीनों के उच्चतम स्तर को छू गया। विशेषज्ञों ने कहा कि पहली बार खुदरा निवेशकों को शेयरों में निवेश करने को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को मंजूरी ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है।