देश के शेयर बाजारों में इस सप्ताह उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। सप्ताह के दौरान कंपनियों के तीसरी तिमाही पर बाजार की चाल निर्भर करेगी। प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस 11 जनवरी को अपने तिमाही नतीजे घोषित करेगी।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों को उम्मीद है कि 29 जनवरी को मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे बाजार में तेजी का रुख बन सकता है। सप्ताह के दौरान आने वाले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों का भी कारोबारी धारणा पर कुछ असर देखने को मिल सकता है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया जाएगा। इंवेन्चर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मिलन बाविशी ने कहा, इससे आगे बाजार की आगे की दिशा इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रुपया-डॉलर दर में किस तरह का उतार-चढ़ाव आता है। तीसरी तिमाही में आईटी क्षेत्र के कार्यपरिणामों से उम्मीद के बारे में रेलिगेयर रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त रह सकती हैं।
बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की कमाई में मामूली गिरावट आ सकती है। कुल मिलाकर क्षेत्रवार स्तर पर शुद्ध मुनाफे की स्थिति लगभग पूर्ववत रह सकती है, जिसमें रुपये के अवमूल्यन का भी योगदान हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार रहेगा। अगर मुद्रास्फीति में कोई कमी आती है, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ जाएगी।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।