देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर मुख्यत: कंपनियों के तिमाही परिणामों और विभिन्न आंकड़ों पर रहेगी। निवेशक विदेशी संस्थागत निवेशकों की चाल और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी नजर रखेंगे।
अगले सप्ताह परिणाम घोषित करने वाली कंपनियों में सोमवार को टाटा मोटर्स, जयप्रकाश एसोसिएट्स और एनएमडीसी शामिल होंगी। मंगलवार को टाटा स्टील और डॉक्टर रेड्डीज लैब, बुधवार को सिप्ला, कोल इंडिया और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन, गुरुवार को ओएनजीसी, सन फार्मा और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज तथा शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक, डीएलएफ और महिंद्रा एंड महिंद्रा के परिणाम आएंगे।
आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर इंजीनियर्स इंडिया के शेयरों पर प्रमुखता से होगी। कंपनी का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) सोमवार को समाप्त होगा। एफपीओ के सफल रहने पर कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 70.4 फीसदी रह जाएगी, जो 31 दिसंबर के मुताबिक 80.4 फीसदी है।
सरकार बुधवार को जनवरी महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। यह दर दिसंबर में 9.87 फीसदी और नवंबर में 11.16 फीसदी थी। जनवरी का थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर सरकार शुक्रवार को जारी करेगी। यह दर दिसंबर 2013 में 6.16 फीसदी और नवंबर 2013 में 7.52 फीसदी थी। सरकार दिसंबर 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़े बुधवार को जारी करेगी। नवंबर 2013 महीने में औद्योगिक उत्पादन में 2.1 फीसदी गिरावट रही थी।
अक्टूबर, 2013 महीने में भी इसमें 1.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा 1 अप्रैल, 2014 को होगी। महंगाई का हवाला देते हुए बैंक ने 28 जनवरी, 2014 की समीक्षा में रेपो और रिवर्स रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ा दिया था। वित्तमंत्री पी चिदंबरम 17 फरवरी को संसद में वोट ऑन एकाउंट पेश करेगी।
चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार बजट पेश नहीं कर पाएगी। वोट ऑन एकाउंट के जरिये सरकार चुनाव से पहले खर्च के लिए संसद से अनुमति लेगी। अगला पूर्ण बजट अप्रैल-मई 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार द्वारा पेश किया जाएगा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति निर्मात्री समिति फेडरल ओपेन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा 18-19 मार्च 2014 को करेगी। एफओएमसी ने 29 जनवरी को कहा था कि वह मासिक बांड खरीदारी को 10 अरब डॉलर और घटाकर 65 अरब डॉलर मासिक करेगा। एमओएमसी ने यह भी कहा कि इस खरीदारी में लगातार कटौती की जाएगी, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। फेड का बांड खरीदारी कार्यक्रम उभरती अर्थवयवस्था में तरलता का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है।