देश में मॉनसून की बेरुखी और प्रमुख आर्थिक सुधारों में विलंब को लेकर चिंता के बीच बुधवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 72 अंक की गिरावट के साथ 16,846.05 अंक पर बंद हुआ, जो 18 जून के बाद सबसे निचला स्तर है।
कारोबार की शुरुआत में नीचे खुलने के बाद सेंसेक्स दिन के निचले स्तर 16,736.60 अंक पर आ गया। हालांकि बाद में यह तेज गिरावट से थोड़ा उबर गया और 72.03 अंक नीचे 16,846.05 अंक पर टिका। ब्रोकरों ने कहा कि गुरुवार को वायदा एवं विकल्प सौदों का निपटान होना है, जिससे पहले निवेशकों ने सतर्कता बरती।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18.60 अंक की गिरावट के साथ 5,109.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 5,100 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया था। व्यापारियों ने कहा कि निवेशकों को चिंता है कि कम बारिश से खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी।
वहीं राष्ट्रपति चुनाव के बाद आर्थिक सुधारों की गति ठंडा पड़ने को लेकर भी निवेशकों में निराशा है। उन्होंने कहा कि यूरो जोन ऋण संकट गहराने की आशंका से जापान, हांगकांग, ताइवान और चीन सहित ज्यादातर एशियाई शेयर बाजारों में नरमी का रुख रहा, जिससे स्थानीय शेयर बाजार की धारणा कमजोर हुई। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 कंपनियों के शेयर टूट गए। इंफोसिस और जिंदल स्टील तो 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।