बजट विमान वाहक कंपनी स्पाइसजेट ने अपने 25 ग्राउंडेड विमानों को दोबारा उड़ने के लिए तैयार करने की योजना बनाई है.कंपनी ने बुधवार को कहा कि पुनरुद्धार के लिए धन की व्यवस्था सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (Emergency Credit Line Guarantee Scheme ECLGS) और बेहतर नकद उपलब्धता के जरिए किया जाएगा. एयरलाइन पहले ही अपने ग्राउंडेड फ्लीट को हवा में वापस लाने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये जुटा चुकी है, जो इसकी टॉप लाइन को और आगे ले जाएगी.
स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, "हम अपने ग्राउंडेड फ्लीट को जल्द ही हवा में वापस लाने की दिशा में सावधानीपूर्वक काम कर रहे हैं. एयरलाइन द्वारा प्राप्त अधिकांश ईसीएलजीएस फंडिंग का उपयोग उसी के लिए किया जाएगा. हम इसका लाभ उठाएंगे और आगामी पीक ट्रैवल सीजन में इसका सीधा लाभ भी हो गा.
स्पाइसएक्सप्रेस के अलग होने के बाद बजट एयरलाइन को एक मजबूत बैलेंस शीट की उम्मीद है. स्पाइसजेट भारत की उन एयरलाइनों में से एक है जिसने भारतीयों के लिए उड़ान सस्ती कर दी है.
IATA-IOSA प्रमाणित एयरलाइन बोइंग 737s और Q-400s के बेड़े का संचालन करती है और उड़ान योजना या क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत कई दैनिक उड़ानें संचालित करने वाली देश की सबसे बड़ी क्षेत्रीय कंपनियों में से एक है. एयरलाइन के अधिकांश बेड़े स्पाइसमैक्स की पेशकश करते हैं, जो भारत में सबसे विशाल इकोनॉमी क्लास सीटिंग है.
स्पाइसजेट ने 3 अप्रैल को कहा कि उसने अपने कार्गो और लॉजिस्टिक डिवीजन 'स्पाइसएक्सप्रेस' को एक अलग इकाई - स्पाइसएक्सप्रेस और लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड में बदल दिया है. यह हाइव-ऑफ (अलग होने से) कार्गो कारोबार में वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था. यह अप्रैल से प्रभावी है. स्पाइसएक्सप्रेस और लॉजिस्टिक्स, स्पाइसजेट की सहायक कंपनी है.
स्पाइसजेट ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि हाइ-ऑफ से स्पाइसएक्सप्रेस के लिए स्वतंत्र रूप से धन जुटाने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है.
विज्ञप्ति में कहा गया है, "हाइव-ऑफ स्पाइसजेट की बैलेंस शीट को मजबूत करेगा, कंपनी के नकारात्मक नेट वर्थ के एक बड़े हिस्से को मिटा देगा और कंपनी और उसके शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य उपलब्ध कराएगा."