स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए दूसरे दौर की नीलामी मार्च में शुरू होगी। यह नीलामी मंत्रिमंडल द्वारा 800 मेगाहट्र्ज बैंड में आरक्षित मूल्य घटाने के निर्णय के बाद होगी। इस बैंड के स्पेक्ट्रम का उपयोग सीडीएम आधारित मोबाइल सेवाओं के लिए होता है।
मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, सभी नीलामी मार्च में होगी। सीडीएमए नीलामी के बारे में उन्होंने कहा कि सभी सर्किलों में 800 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए बोली आमंत्रित की जाएगी।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि ईजीओएम ने सीडीएमए स्पेक्ट्रम मूल्य में 30 से 50 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव किया है और इस बारे में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल करेगा।
सूत्र ने कहा, मंत्रिमंडल सीडीएमए स्पेक्ट्रम कीमत के बारे में निर्णय करेगा। नीलामी 11 मार्च को शुरू होगी। सरकार पिछले साल नवंबर में हुई सीडीएमए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने में विफल रही। उच्च आरक्षित मूल्य के कारण कोई भी इसके लिए बोली लगाने आगे नहीं आया। 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में जीएसएम स्पेक्ट्रम के लिए आरक्षित मूल्य के मुकाबले, सीडीएमए स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य 1.3 गुना अधिक था। देशभर के लिए 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में 5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हेतु आरक्षित मूल्य 14,000 करोड़ रुपये रखा गया था।
पिछली नीलामी में सरकार को स्पेक्ट्रम बिक्री से केवल 9,407 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि इससे 28,000 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद की जा रही थी। इसका कारण उच्च आरक्षित मूल्य था। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 122 लाइसेंस रद्द कर दिए। इसमें सिस्तेमाल श्याम टेलीसर्विसेज को 21 सर्किलों में मिला लाइसेंस तथा तीन सर्किलों में टाटा टेलीसर्विसेज को मिला लाइसेंस शामिल है।
इन कंपनियों के लिए संबद्ध सर्किलों में सेवा में बने रहने के लिए स्पेक्ट्रम लेना जरूरी है। इस मामले में उनका लाइसेंस 18 जनवरी को समाप्त होगा, लेकिन उच्च आरक्षित मूल्य के कारण दोनों कंपनियों ने नीलामी में भाग नहीं लिया।