बंबई शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा तथा सेंसेक्स 485 अंक की ऊंची छलांग के साथ 26,367 अंक पर पहुंच गया, जो इसका करीब सात माह का उच्चस्तर है।
बेहतर तिमाही नतीजों तथा कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से बाजार में तेजी आई। मार्च तिमाही नतीजों के अंतिम चरण में सुधार दिखाई दिया है जिससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब रफ्तार पकड़ रही है।
इस साल पहली बार कच्चा तेल 50 डॉलर प्रति बैरल के पार निकला है। आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी भंडार में कमी आई है, जिससे एशियाई बाजारों में धारणा मजबूती की रही।
कारोबारियों ने कहा कि मई माह के डेरिवेटिव अनुबंधों का निपटान होने और शॉर्ट कवरिंग का सिलसिला चलने से भी बाजार को मदद मिली। निजी एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून के उम्मीद से बेहतर रहने का अनुमान लगाया है जिससे निवेशक फिर बाजार में लौटे। स्काईमेट ने बारिश का दीर्घावधि का औसत 109 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पहले उसने यह 105 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से भी यहां धारणा को बल मिला।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के रुख में खुलने के बाद और ऊपर चढ़ा और अंत में 485.51 अंक या 1.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,366.68 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले पिछले साल 4 नवंबर को सेंसेक्स 26,552.92 अंक पर बंद हुआ था। इससे पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 650.85 अंक चढ़ा है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 8,000 अंक के स्तर को पार कर 8,083 अंक की ऊंचाई तक गया। अंत में यह 134.75 अंक या 1.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 8,069.65 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजार मजबूती के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजार भी शुरुआती कारोबार में ऊपर चल रहे थे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 22 लाभ में रहे।
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