देश में विदेशी पूंजी के प्रवाह को तेज करने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए केंद्र सरकार और कारपोरेट बांडों में निवेश की सीमा बढ़ाने का निर्णय किया है. यह सीमा सेबी दो बार में बढ़ायी जा रही है. सेबी के मुताबिक एफपीआई के लिए निवेश की सीमा दो बार में 12 अप्रैल और एक अक्तूबर से बढ़ाने का निर्णय किया गया है. सेबी का यह कदम देश के पूंजी बाजार में विदेशी पूंजी के प्रवाह को बढ़ाने का प्रयास है.
सेबी ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘एफपीआई के लिए केंद्र सरकार के बांडों में निवेश की सीमा 12 अप्रैल से बढ़ाकर 2,07,300 करोड़ रुपये कर दी गयी है. आगामी एक अक्तूबर को यह 2,23,300 करोड़ रुपये कर दी जाएगी.’’
इससे पहले उनके लिए यह सीमा 1,89,700 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय एजेंसी, बीमा कोष, पेंशन कोष और विदेशी केंद्रीय बैंक जैसे एफपीआई के केंद्र सरकार के बांडों में दीर्घ अवधि निवेश की सीमा बढ़ाकर कल 78,700 करोड़ रुपये कर दी गई जिसे एक अक्तूबर के बाद 92,300 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा. इससे पहले यह 44,100 करोड़ रुपये थी.
इसी प्रकार कारपोरेट बांडों में एफपीआई निवेश की सीमा को कल बढ़ाकर 2,66,700 करोड़ रुपये कर दिया गया. एक अक्तूबर के बाद इसे और बढ़ाकर 2,89,100 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा. पहले यह सीमा 2,44,323 करोड़ रुपये थी. भाषा का इनपुट