बजट निवेशकों को उत्साहित करने में विफल रहा और भारी पूंजी निकासी होने से वर्ष 2013 में रुपये में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट आई। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 50 पैसों की भारी गिरावट के साथ एक सप्ताह के निम्न स्तर 54.36 रुपये पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच आयातकों, मुख्यत: तेल आयातक कंपनियों की मासांत की डॉलर मांग के कारण भी रुपया प्रभावित हुआ।
इससे पूर्व चार जनवरी 2013 को रुपये में 57 पैसों अथवा 1.05 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
कोटक महिन्द्रा बैंक के (ट्रेजरी) प्रमुख मोहन शिनॉय ने कहा कि सरकार ने बजट में 17,000 करोड़ रुपये का शुद्ध उधारी लक्ष्य रखा है जो बाजार की उम्मीदों से कहीं अधिक है। इसके कारण काफी हद तक बाजार धारणा प्रभावित हुई। बीएसई के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से आज 24.24 करोड़ डॉलर (1,317.79 करोड़ रुपये) की निकासी की।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में डॉलर में मजबूती आने के कारण भी रुपये पर दबाव रहा।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज 53.64 रुपये प्रति डॉलर पर खुला जो कल 53.86 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। भारी उतार चढ़ाव के दौरान इसमें 53.60 से 54.49 रुपये प्रति डॉलर के बीच व्यापक दायरे में घट बढ़ हुई और अंत में यह 50 पैसे या 0.93 प्रतिशत टूटकर 54.36 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस बीच बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 291 अंकों की भारी गिरावट के साथ तीन माह के निम्न स्तर 18,861.54 अंक पर बंद हुआ।