धन की दिक्कतों से जूझ रही रेलवे ने इस वर्ष दूसरी बार करीब दो फीसदी किराये में बढ़ोतरी का निर्णय किया है ताकि ईंधन एवं बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पड़ रहे 1200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ को कम किया जा सके।
यात्री किराये में बढ़ोतरी जहां सात अक्टूबर से लागू होगी वहीं दस अक्टूबर से माल भाड़े में भी करीब दो फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
यात्रियों को सोमवार से एक हजार रुपये के टिकट पर करीब 20 रुपये ज्यादा देने होंगे। पहले जो टिकट जारी हो चुके हैं और सात अक्टूबर या इसके बाद यात्रा करनी है तो ऐसे यात्रियों को भी बढ़ा हुआ किराया देना होगा।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यात्री और माल भाड़े में बढ़ोतरी से रेलवे को पिछले छह महीने में करीब 1250 करोड़ रुपये हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
बहरहाल उपनगरीय एवं गैर उपनगरीय किराये यथावत रहेंगे और आरक्षण एवं सुपरफास्ट उपकर में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
फिर से किराये में बढ़ोतरी का निर्णय ईंधन समायोजन तत्व (एफएसी) के तहत किया गया है जिसके बारे में 2011-12 के रेल बजट में घोषणा की गई थी।
रेलवे ने डीजल के मूल्यों में करीब 7.3 फीसदी और बिजली के मूल्य में करीब 15 फीसदी अतिरिक्त बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया है।
निर्णय के मुताबिक वातानुकूलित और शयनयान श्रेणी में दो फीसदी की बढ़ोतरी होगी जबकि माल भाड़े में करीब 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।