सरकार राजीव गांधी इक्विटी योजना को 15 अगस्त को जारी कर सकती है। इस योजना का उद्देश्य पूंजी बाजार में खुदरा निवेशकों को आकर्षित करना है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अधिकारी बाजार नियामक सेबी के अधिकारियों के साथ अगले सप्ताह इस संबंध में मुलाकात करेंगे और योजना को अंतिम रूप देंगे।
अधिकारी ने कहा ‘राजीव गांधी इक्विटी योजना के अंतिम खाके को हमने सेबी के पास भेजा है और उम्मीद है कि इसे 15 अगस्त को जारी कर दिया जाएगा। इस मामले में योजना के संचालन को सरल बनाने के लिए सेबी के सुझाव की जरूरत है।’
तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012-13 का बजट पेश करते समय इस योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत 10 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले खुदरा निवेशकों द्वारा 50,000 रुपये तक राशि निवेश करने पर आयकर में 50 प्रतिशत की कटौती दी जाएगी। निवेश पर तीन साल की बंधक अवधि होगी।
योजना का उद्देश्य पूंजी बाजार में छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और बचत एवं निवेश को बढ़ावा देना है। सेबी ने पिछले महीने सरकार से कहा था कि वह इस योजना में म्यूचुवल फंड के जरिये निवेश को प्राथमिकता दे। नए निवेशकों के लिए यह सुरक्षित होगा। खुदरा निवेश इस योजना का लाभ जीवन में केवल एक ही बार उठा सकेंगे।
सरकार की तरफ से पूंजी बाजार में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए लाई गई यह पहली इक्विटी निवेश योजना है।