वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले डिजिटल भुगतान ऐप फोनपे (PhonePe) ने कहा कि उसने निजी इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक की अगुवाई में 12 अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्यांकन पर 35 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. फोनपे ने एक बयान में कहा, ''मार्की ग्लोबल और भारतीय निवेशक भी इस दौर में भाग ले रहे हैं.'' फोनपे द्वारा पूंजी जुटाने की यह कवायद हाल ही में फ्लिपकार्ट से पूरी तरह अलग होने के बाद शुरू हुई है. अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने 2018 में फोनपे का स्वामित्व हासिल किया था.
कंपनी ताजा जुटाई गई पूंजी से डेटा केंद्रों के विकास सहित बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश करने और देश में बड़े पैमाने पर वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने की योजना बना रही है. इसके अलावा कंपनी बीमा, धन प्रबंधन और उधार देने सहित नए व्यवसायों में भी निवेश करना चाहती है.
दिसंबर 2015 में स्थापित फोनपे के 40 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 3.5 करोड़ से अधिक कारोबारी इससे जुड़े हैं. ये व्यापारी बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक फैले हैं.
कंपनी के संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने कहा कि फोनपे एक भारतीय कंपनी है, जिसे भारतीयों ने बनाया है, और ताजा वित्त पोषण से बीमा, धन प्रबंधन और ऋण देने जैसे नए व्यावसायिक खंड में निवेश करने में मदद मिलेगी. साथ ही भारत में यूपीआई भुगतान के लिए वृद्धि की अगली लहर को भी बढ़ावा मिलेगा.