पर्यावरण मंत्रालय से जयंती नटराजन के विवादास्पद तरीके से हटने के बाद इस मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाले केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि पर्यावरण मंत्रालय में अब कोई फाइल लटकी नहीं रहेगी। उन्होंने अपना अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है।
मोइली की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब जयंती नटराजन के कार्यकाल में पर्यावरण मंत्रालय में फाइलों के निस्तारण में लंबे विलंब की शिकायतें थीं। नटराजन ने शनिवार को मंत्रिपरिषद से त्याग पत्र दे दिया। उद्योग जगत की शिकायत थी कि बड़ी परियोजनाओं को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी मिलने में काफी समय लग जाता है।
मोइली ने कहा हालांकि, परियोजनाओं को मंजूरी देने की प्रक्रिया में पर्यावरण क्षेत्र के नियामक के रप में इस मंत्रालय की छवि के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
मोइली ने यहां नटराजन से उनके घर पर मुलाकात करने के बाद मंत्रालय जाकर कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा 'मेरी आदत है कि शाम तक फाइलें निपटा देता हूं। कोई भी फाइल घर नहीं ले जायी जाएगी और जब तक किसी फाइल पर एक बार फिर गौर करने की आवश्यकता नहीं होगी तब तक कोई भी फाइल लंबित नहीं रहेगी।'
वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री मोइली ने इस तरह की बातों को भी खारिज कर दिया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री होने के नाते उन्हें पर्यावरण मंत्रालय का भी कार्यभार सौंप दिये जाने से दोनों मंत्रालयों के बीच आपसी हितों का भी टकराव होगा।
मोइली ने कहा 'हर मंत्रालय का अपना काम है। पेट्रोलियम मंत्रालय का अपना कार्यक्षेत्र है.. आखिर में हमें किसी भी मंत्रालय द्वारा तय नियमों के अनुरूप ही काम करना होता है। हम नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते। काम करते समय किसी तरह का डर अथवा पक्षपात नहीं होना चाहिए।'