रिजर्व बैंक ने आगाह किया कि आयातित कोयले पर निर्भरता बढ़ने तथा इस शुष्क ईंधन की वैश्विक कीमतें बढ़ने से आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति पर असर पड़ सकता है।
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2011-12 की सालाना रिपोर्ट में कहा है, कोयला मंत्रालय ने कहा है कि कोयले की कमी के कारण आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उच्च आयात निर्भरता तथा कोयले की वैश्विक बाजार में ऊंची कीमत का मुद्रास्फीति, वृद्धि, राजकोषीय घाटा तथा चालू खाते का घाटा जैसे प्रमुख वृहत आर्थिक तत्वों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2006-07 में 4.31 करोड़ टन कोयला का आयात किया गया था, जो 2011-12 में बढ़कर 9.89 करोड़ टन हो गया।
रिपोर्ट में शुष्क ईंधन आयात पर ऊंची निर्भरता के मद्देनजर घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय कीमतों में समानता पर जोर दिया गया है।