वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा पिछली तारीख से कराधान कानून के इस्तेमाल को खारिज करते हुए कहा है कि इस बारे में कोई स्थायी कानून बनाना तो संभव नहीं है, लेकिन यदि भविष्य की कोई सरकार इसका जोखिम उठाती है, तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
जेटली ने कहा, जहां तक पिछली तारीख से टैक्स लगाने का मुद्दा है, मेरा मानना है कि इस मामले में भारत का साल 2011 का अनुभव काफी खराब रहा है और यदि भविष्य की कोई सरकार इस तरह का जोखिम उठाती है, तो इसकी उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
वित्त मंत्री वाशिंगटन मे अमेरिकी व्यवसायियों से जुड़े मुद्दे पर पिछली तारीख से कराधान प्रणाली पर पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया, आप उस निवेशक से क्या कहेंगे, जो कहता है कि जेटली जी, मैं आप पर भरोसा कर सकता हूं, इस सरकार पर मेरा विश्वास है, लेकिन जब तक वह कानून वहां है, तब तक मैं यह कैसे विश्वास कर सकता हूं कि सात साल, आठ साल अथवा 10 या फिर 12 साल बाद किसी दूसरी सरकार द्वारा जो आपकी तरह सोच नहीं रखती है इसका दुरुपयोग नहीं किया जाएगा?
जेटली ने अपने जवाब में कहा, मैं संसद की प्रभुसत्ता को नहीं लांघ सकता। मैं ऐसा कोई कानून नहीं ला सकता, जिसमें यह कहा जाए कि भारतीय संसद को पिछली तिथि से कानून बनाने का अधिकार नहीं है। यदि मैं ऐसा कर भी देता हूं तो यह अवैध होगा, हर कानून बनाने में सक्षम सभा के पास यह ताकत है।