सरकार ने दवा मूल्य नीति को मंजूरी दे दी। इससे 348 आवश्यक दवाएं मूल्य नियंत्रण के दायरे में आ जाएंगी, जिससे इनकी कीमतों में कमी होगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘राष्ट्रीय दवा मूल्य नीति को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसका मकसद दवाओं के मूल्य के लिए नियामक ढांचे को लागू करना है, जिसकी इनकी उपलब्धता सस्ते दाम पर सुनिश्चित हो सकेगी।’ फिलहाल सरकार राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) के जरिये 74 बल्क दवाओं और उनके फार्मूलेशन का मूल्य नियंत्रित करती है।
सूत्र ने कहा कि सरकार भारतीय फार्मा उद्योग के विकास के लिए उचित नवप्रवर्तन तथा प्रतिस्पर्धा के अवसर उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने इस नीति को अंतिम रूप देने के लिए पिछले महीने 27 नवंबर की समयसीमा तय की थी। शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा था कि वह मौजूदा लागत आधारित दवा मूल्य व्यवस्था में बदलाव न करे।
इससे पहले, कृषि मंत्री शरद पवार की अगुवाई वाले मंत्री समूह ने दवाओं का मूल्य विभिन्न ब्रांडों के औसत मूल्य के आधार पर तय करने का प्रस्ताव किया था पर इसके लिए किसी भी ब्रांड की बाजार हिस्सेदारी एक प्रतिशत से अधिक की होनी चाहिए।