संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले दशक में 6.2 प्रतिशत रही थी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में सरकार की उपब्धियों को रेखांकित करते हुए आज जारी लेखा-जोखा रिपोर्ट ‘प्रगति व विकास के 10 वर्ष में कहा गया है, यूपीए सरकार (2004-05 से 2013-14) के कार्यकाल में दो वैश्विक नरमी के बावजूद औसत जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत पहुंच गई। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर निरंतर बढ़ती रही है और दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान इस क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 2.5 प्रतिशत और 3.7 प्रतिशत रही और चालू 12वीं योजना में इसके 4 प्रतिशत का स्तर छू जाने की संभावना है।
रिपोर्ट कार्ड में आगे कहा गया है कि वर्तमान मूल्य पर देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले नौ वर्षों में करीब तीन गुना होकर 100.28 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। 2004-05 में जीडीपी 32.42 लाख करोड़ रुपये के बराबर था।
इस प्रगति रिपोर्ट में कहा गया है, इसी तरह, इस दौरान प्रति व्यक्ति आय करीब तीन गुना हो गई है। वर्ष 2012 में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 68,747 रुपये पहुंच गई, जो 2004 में 24,143 रुपये थी।
रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है, पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रति व्यक्ति आय करीब 20 प्रतिशत की वार्षिक की औसत दर से बढ़ी है, जो इस दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि दर से ऊपर रही है।