निजी क्षेत्र की संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस अपनी तालांबदी की अवधि को 20 अक्टूबर से बढ़ाकर 23 अक्टूबर कर दिया है।
कंपनी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा उसके लाइसेंस को निलंबित किए जाने के बारे में भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है।
एयरलाइंस ने उम्मीद जताई है कि डीजीसीए द्वारा उसकी परिचालन फिर शुरू करने की योजना को मंजूरी के बाद वह 6 नवंबर से परिचालन फिर शुरू कर सकेगी।
किंगफिशर के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने डीजीसीए के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया।’ अधिकारी ने बताया कि इन मुद्दों के सुलझने के बाद कंपनी अपना परिचालन दोबारा शुरू करने की योजना सौंपेगी।
मार्च से वेतन का भुगतान न किए जाने के विरोध में किंगफिशर के पायलट और इंजीनियर 30 सितंबर से हड़ताल पर चले गए, जिससे एयरलाइन का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
डीजीसीए ने विजय माल्या की अगुवाई वाली कंपनी को 5 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था क्यों न उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द कर दिया जाए, क्योंकि वह अपनी उड़ान समयसारिणी का पालन नहीं कर रही है और बार-बार मनमाने तरीके से उड़ानें रद्द कर रही है। डीजीसीए ने एयरलाइन को इसका जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया था, जो 20 अक्टूबर को पूरा होना है।
इंजीनियरों और पायलटों की हड़ताल की वजह से किंगफिशर ने 28 सितंबर को 4 अक्टूबर तक के लिए तालाबंदी की घोषणा की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 12 अक्टूबर और फिर 20 अक्टूबर किया गया।