अगले सप्ताह निवेशकों का ध्यान विशेष तौर पर अमेरिका के फिस्कल क्लिफ पर लगा रहेगा। दिसम्बर सीरीज के वायदा और विकल्प कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति का बाजार पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मध्य जनवरी से आने वाली तीसरी तिमाही के कम्पनी परिणाम के कारण निवेशक कोई बड़ा कदम उठाने से पहले रुककर इंतजार करना बेहतर समझेंगे।
बुधवार 25 दिसम्बर को क्रिसमस के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेगा और आगामी सप्ताह सिर्फ चार कारोबारी सत्र का संचालन होगा।
अगले सप्ताह गुरुवार 27 दिसम्बर को शेयर बाजार में दिसम्बर सीरीज के वायदा और विकल्प कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
मध्य जनवरी से कम्पनियां मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के परिणाम पेश करना शुरू करेंगी और निवेशक अपने पोर्टफोलियो में कोई बदलाव करते वक्त इसका भी ध्यान रखेंगे। इसलिए बाजार के किसी विशेष दिशा में व्यापक रूप से बढ़ने की सम्भावना फिलहाल कम है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर अमेरिका का फिस्कल क्लिफ हालांकि बाजार को गहरे तौर पर प्रभावित कर सकता है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और फिस्कल क्लिफ के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर एक बार मंदी की चपेट में आ सकती है और इससे पूरी दुनिया प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी नीति निर्माताओं के बीच फिस्कल क्लिफ पर होने वाली वार्ता 27 दिसम्बर तक के लिए अवरुद्ध हो गई है। यदि इस साल के आखिर तक फिस्कल क्लिफ को टालने के लिए कोई समझौता नहीं हो पाएगा, तो अगले साल जनवरी से 600 अरब डॉलर मूल्य की कर वृद्धि और सरकारी खर्च में कटौती लागू हो सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था में मंदी लौटने का अनुमान है।