बिजली का बिल घटाने के उद्देश्य से रेलवे ट्रेन परिचालन के लिए ईंधन की बढ़ती जरूरतें पूरी करने के लिए कैप्टिव परमाणु बिजली संयंत्र लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन के साथ खुद के इस्तेमाल के लिए परमाणु बिजली संयंत्र लगाने के संबंध में बातचीत कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि कुल 65,000 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग में से 23,541 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है।
नकदी की कमी से जूझ रही रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में बिजली के बिल पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उसका डीजल का बिल करीब 15,000 करोड़ रुपये रहा।
उसने कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद संयंत्र लगाने के संबंध में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।