वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि आर्थिक सुधारों, अनुकूल मौसम तथा मददगार वैश्विक परिस्थितियों से भारत अपनी आर्थिक वृद्धि दर में 1-2 प्रतिशत जोड़ सकता है।
वित्त मंत्री ने यहां 'अल्पसंख्यकों का आर्थिक सशक्तीकरण' पर आठवें सालाना एनसीएम व्याख्यान में कहा, 'मैं आज जो स्थिति देखता हूं, भारत के समक्ष आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ा अवसर है।' जेटली ने कहा कि कच्चे तेल, खनिज और जिंसों की निचली कीमतों से वास्तव में संपत्ति का हस्तांतरण उत्पादक राष्ट्रों से उपभोक्ता देशों को हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक यह हमारे हित में काम कर रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि शेष दुनिया में सुस्ती है और कुछ स्थानों पर तो स्थिति मंदी की सीमा के पास है।
जेटली ने कहा कि वैश्विक सुस्ती के बीच भारत 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता और उसमें अपने वृद्धि दर में एक या दो प्रतिशत और जोड़ने की क्षमता है। यदि वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल होती है, इंद्र देवता मेहरबान रहते हैं और देश आर्थिक सुधारों पर आगे बढ़ता है, तो हम यह हासिल कर सकते हैं।