प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को स्वीकार किया कि कुछ राज्य सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने को लेकर दिक्कतें हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि वर्ष 2014 तक यह एक उपयुक्त प्रारूप में लागू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत सरकार का लक्ष्य देशभर के लिए प्रभावी वस्तु एवं सेवा कर की दिशा में आगे बढ़ना है। लेकिन भारत एक संघीय व्यवस्था वाला है और एक संघीय व्यवस्था में सभी राज्यों को राजी करने और इस जीएसटी के पक्ष में अपनी कराधान शक्तियां समर्पित कराने में कठिनाइयां होती हैं।"
प्रधानमंत्री ने जापान बिजनेस फेडरेशन, केईदानरेन और इंडो-जापान बिजनेस लीडर फोरम की ओर से आयोजित भोज में जीएसटी को लागू किए जाने की समय सीमा के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दिया।
जीएसटी एक कर सुधार है जो सभी वस्तुओं और सेवाओं का भारत में साझा बाजार तैयार करेगा। इस प्रणाली में विलंब का कारण केंद्र और राज्यों के बीच इसके प्रारूप और केंद्रीय बिक्री कर क्षतिपूर्ति का मुद्दा है। उन्होंने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि हम इस बाधा को दूर कर लेंगे। हम पिछले कुछ महीनों से अधिक से अधिक राज्यों को इस श्रेणी में लाने के लिए समझा बुझा रहे हैं। लेकिन इसमें संवैधानिक स्वतंत्रता में संशोधन की दरकार है और संविधान में संशोधन के लिए सामान्य संशोधन के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रयासों की दरकार होगी। इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि हम कल से ही जीएसटी लागू कर रहे हैं। लेकिन आप यदि मुझसे पूछेंगे तो वर्ष 2014 तक मुझे विश्वास है कि उपयुक्त प्रकार का जीएसटी लागू हो जाएगा।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी अगले साल अप्रैल में होने वाले आम चुनावों के बाद नई सरकार के गठन के बाद लागू हो पाएगा।