वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सरकार विदेशी निवेश नीति का और अधिक उदारीकरण करेगी और उसमें और स्पष्टता लाएगी।
वित्तमंत्री के रूप में एक साल पूरा करने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार पूरी शिद्दत से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के उदारीकरण पर विचार कर रही है। उन्होंने एक अगस्त 2012 को वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभाला था।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में स्पष्टता लाएगी, जिससे देश में निवेश जुटाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, "वाणिज्य मंत्रालय नीति में स्पष्टता लाने के अंतिम चरण में है।" उन्होंने साथ ही कहा कि गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
सरकार ने पिछले साल बहुब्रांड रिटेल क्षेत्र में 51 फीसदी तक एफडीआई को अनुमति दी थी। अभी तक हालांकि इस क्षेत्र में कोई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं हुआ है।
चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि नीति में स्पष्टता के बाद विदेशी कंपनियां भारतीय बहुब्रांड क्षेत्र में प्रवेश कर सकती हैं। उन्होंने कहा, "कुछ बड़े सवालों के कारण बहु ब्रांड रिटेल में एफडीआई रुकी हुई है।"
चिदंबरम ने कहा कि चालू खाता घाटा कम करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है, जो सकल घरेलू उत्पाद के रिकार्ड 4.8 फीसदी तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार तेल और सोने के अलावा गैर जरूरी महंगे सामानों के आयात घटाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि चालू खाता घाटा की भरपाई कर ली जाएगी।
रुपये के बारे में चिदंबरम ने कहा कि रुपये में हाल में हुआ अवमूल्यन अप्रत्याशित है।
उन्होंने कहा, "रुपये का कोई स्तर तय नहीं किया जा सकता है, हम बस स्थिर मुद्रा चाहते हैं।" रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 61.18 के स्तर पर पहुंच गया, इसी महीने के शुरू में रुपये के रिकार्ड निचले स्तर 61.21 के अत्यधिक करीब है।