देश के उद्योग जगत ने मंगलवार को सरकार से मांग की कि वह नेशनल पावर ग्रिड के परिचालन की तुरंत समीक्षा करे। इसके साथ ही बिजली क्षेत्र में सुधारों की मांग की गई है।
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने कहा, यह नींद तोड़ने वाली घटना है। बिजली क्षेत्र में तत्काल निवेश बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली संकट के कारण सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा है कि बिजली संकट के कारण उद्योगों को भारी नुकसान होता है। उन्होंने कहा, यह तो सोचना भी कठिन है कि इस तरह के बिजली संकट से निपटने के लिए देश में कोई तकनीकी सुरक्षात्मक उपाय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रिड के परिचालन की तुरंत समीक्षा होनी चाहिए।
पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि 11 राज्यों में बिजली संकट से औद्योगिक उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि देश में 20 से अधिक राज्यों को आपूर्ति करने वाले तीन ग्रिड मंगलवार को ठप होने से देश का आधे से अधिक हिस्सा एक बार फिर बिजली संकट में आ गया। उत्तरी ग्रिड लगातार दूसरे दिन ठप हुआ जबकि पूर्वी तथा उत्तर-पूर्वी ग्रिड भी मंगलवार को ढह गया। ये तीनों ग्रिड लगभग 50,000 मेगावाट बिजली पारेषण करते हैं।