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खेसारी दाल पर ताजा रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठी

तकरीबन 50 साल से प्रतिबंधित खेसारी दाल की नई किस्मों पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ताजा रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की सरकार से मांग शुरू हो गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि डॉक्टरों से सलाह-मशवरा किए बगैर सरकार को इस पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
NDTV Profit हिंदीReported by Himanshu Shekhar Mishra, Edited by Suryakant Pathak
NDTV Profit हिंदी09:20 PM IST, 22 Jan 2016NDTV Profit हिंदी
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तकरीबन 50 साल से प्रतिबंधित खेसारी दाल की नई किस्मों पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ताजा रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की सरकार से मांग शुरू हो गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि डॉक्टरों से सलाह-मशवरा किए बगैर सरकार को इस पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए।

मोडिकल एसोसिएशन से बात करे सरकार
खेसारी दाल पर प्रतिबंध हटाया जाए या नहीं, इस सवाल पर चर्चा के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि यह मामला पब्लिक हेल्थ से जुड़ा है और इस पर आगे बढ़ने से पहले सरकार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए और नई किस्म की दालों पर जो टेस्ट किए गए हैं। उनके रिजल्ट सार्वजनिक करना चाहिए।

डॉक्टरों से सलाह के बगैर आगे न बढ़ा जाए
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल केके अग्रवाल ने NDTV से कहा, "बिना डॉक्टरों के सलाह-मशवरे के आगे बढ़ना उचित नहीं होगा। ऐसे फैसले बिना मेडिकल एक्सपर्ट्स की राय लिए बगैर नहीं लिए जाने चाहिए। सरकार हमसे बात करे, बताए कि रिस्क ज़ीरो है या लो है।"

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का बयान कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के उस दावे के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि खेसारी दाल की नई किस्मों में ODAP नाम का खतरनाक केमिकल न के बराबर पाया गया है। कृषि मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया था जिसमें कृषि मंत्री के हवाले से कहा गया, "भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कम ओडेप सामग्री युक्त खेसारी दाल की तीन उन्नत किस्मों को विकसित किया है। इन किस्मों में ओडेप की मात्रा 0.07 से 0.1 प्रतिशत की सीमा में है जो कि मानवीय उपयोग के लिए सुरक्षित है।"

फिलहाल यह मामला फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्डस् अथॉरिटी के पास है, जो इस पर पब्लिक कंसल्टेशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

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