ADVERTISEMENT

ब्याज दरों में कटौती से पहले मॉनसून की थाह लेना चाहेगा रिजर्व बैंक

खुदरा महंगाई बढ़ने के संकेतों के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती की दिशा में कोई अगला कदम बढ़ाने से पहले मॉनसून की प्रगति की थाह लेना चाहेगा।
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी07:29 PM IST, 05 Jun 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

खुदरा महंगाई बढ़ने के संकेतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती की दिशा में कोई अगला कदम बढ़ाने से पहले मॉनसून की प्रगति की थाह लेना चाहेगा।

मॉनसूनी वर्षा की शुरुआत में इस साल देर हो रही है पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों ने वर्षा सामान्य या उससे ऊपर रहने का अनुमान लगाया है।

राजन के सेवा काल में वृद्धि के संकेतों पर नजर
राजन ने पिछले साल जनवरी से लेकर अब तक नीतिगत ब्याज दर में कुल मिलाकर 1.5 प्रतिशत की ही कटौती की है। पर उनकी आलोचना इसी बात को लेकर हो रही है कि उन्होंने दरों में कमी शुरू करने से पहले जरूरत से ज्यादा समय तक मौद्रिक नीति को सख्त रखा। राजन नीतिगत दरों में कटौती करने के साथ-साथ बैंकों को उसका पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचान के लिए भी जोर देते आ रहे हैं। इस बार द्वैमासिक समीक्षा के बाद होने वाले गवर्नर के परंपरागत संवाददाता सम्मेलन को भी गौर से देखा जाएगा। क्योंकि उसमें राजन के सेवा काल के विस्तार के बारे में संकेतों को भी खोजा जाएगा। उनका कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है।

अच्छे मॉनसून का अनुमान उत्साहजनक
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, ‘आरबीआई इस बार यथास्थिति बनाए रखेगा।’ उसने कहा कि मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद के अनुसार ही हैं पर वे बहुत सुखद नहीं कहे जा सकते। उसने कहा कि, ‘केवल एक ही उत्साहजनक बात है, मॉनसून के अच्छे होने का अनुमान। आरबीआई उसकी प्रगति को देखकर ही कटौती का कोई निर्णय करेगा।’ अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.39 प्रतिशत पर पहुंच गई।

वित्तीय कंपनी नोमूरा की एक रपट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से ऊपर बनी रहने से हमें लगता है कि वर्तमान नीतिगत दरें 2016 के अंत तक बनी रहेंगी।’

नीतिगत दर में कमी की संभावना नहीं
आरबीआई ने छह माह के अंतराल के बाद अप्रैल में नीतिगत ब्याज 0.25 प्रतिशत घटा कर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड इंडिया के मुख्य कार्यकारी जरीन दारूवाला ने कहा कि मानसून में विलंब को देखते हुए उन्हें मंगलवार को नीतिगत दर में कमी किए जाने की संभावना नहीं दिखती। मॉर्गन स्टेनली की भी राय है कि आरबीआई मॉनसून शुरू होने का इंतजार करेगा और मुद्रास्फीति के वास्तविक रुझानों को देखना चाहेगा।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT