अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने कोयला खदान आवंटित 32 कंपनियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कोयला मंत्रालय से सिफारिश की। जिन 32 कंपनियों को नोटिस भेजा जाना है उनमें टाटा, बिड़ला, जायसवाल और जिंदल ग्रुप शामिल हैं।
लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया में यह पहला कदम है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा कारण बताओ नोटिस जिंदल ग्रुप को भेजे जाने हैं। नवीन जिंदल ग्रुप को कुल 11 ब्लॉक आवंटित किए गए थे।
मंत्रालय के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की सिफारिश करने के पीछे कंपनियों द्वारा उत्पादन में कमी रहना है।
सरकार ने जुलाई 2012 में आईएमजी का गठन किया था ताकि जिन कंपनियों को सीमित उपयोग के लिए कोयला खदानें आवंटित की गई हैं उनके कार्य की प्रगति पर नजर रखी जा सके।
इस बीच 58 खदानों को तय समयसीमा के अंदर खदानों का विकास न करने की वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।
इससे पहले सरकार ने आईएमजी द्वारा 13 खदान आवंटनों को रद्द किए जाने तथा 14 कोयला खदान आवंटित कंपनियों की बैंक गारंटी घटाए जाने की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।