देश के सर्वोच्च विधि अधिकारी अटॉर्नी जनरल 2जी घोटाले के सिलसिले में गवाह के तौर पर 3 अक्टूबर को संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे। यह पहला अवसर होगा, जब मौखिक गवाही देने के लिए अटॉर्नी जनरल संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे।
संयुक्त संसदीय समिति ने अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती को अप्रैल, 2011 में तलब किया था, जब वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बारे में कैग की रिपोर्ट की जांच कर रही थी। लेकिन उन दिनों इस मुद्दे पर कांग्रेस तथा भाजपा सदस्यों के बीच चल रही तीखी बहस के चलते वाहनवती पैनल के समक्ष पेश नहीं हो सके।
करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने हाल ही में वाहनवती से संपर्क किया और उन्हें यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सॉलिसीटर जनरल के तौर पर दूरसंचार मंत्रालय को दी गई उनकी कानूनी राय के बारे में पूछा, तब स्पेक्ट्रम की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
अटॉर्नी जनरल ने बताया कि सीबीआई ने केवल कुछ स्पष्टीकरण के लिए ही उनसे संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय ने पूर्व में उन्हें एक प्रेस विज्ञप्ति भेजी थी और उनसे इस पर राय मांगी थी। उन्होंने कुछ टिप्पणियों के साथ वह विज्ञप्ति दूरसंचार मंत्रालय को वापस भेज दी थी। लेकिन वह टिप्पणी विज्ञप्ति के साथ जोड़ दी गई और सीबीआई इस बारे में ही उनसे जानना चाहती है।