Reliance Capital Acquisition: अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (Reliance Capital Limited) के ऋणदाताओं की बैठक मंगलवार को होने जा रही है. इस बैठक में कर्ज समाधान के लिए पेश टॉरेंट समूह (Torrent Group) और हिंदुजा समूह (Hinduja Group) की बोलियों पर विचार किया जाएगा. अहमदाबाद स्थित टॉरेंट ग्रुप ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण (Reliance Capital Acquisition) के लिए 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, वहीं, इसके लिए हिंदुजा ग्रुप की तरफ से 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई है. इस कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थी. ऋणदाताओं की समिति (COC) ने इसकी बेस प्राइस 6,500 करोड़ रुपये तय की थी. आपको बता दें कि 21 दिसंबर को रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की ऑनलाइन नीलामी (e-auction) आयोजित की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, हिंदुजा समूह ने ऑनलाइन नीलामी खत्म होने के बाद एक संशोधित कर्ज समाधान प्रस्ताव भी पेश किया था, जिसमें 9,000 करोड़ रुपये की बोली लगाने के साथ ही पूरी राशि अग्रिम तौर पर नकद देने की पेशकश की गई. वहीं, दूसरी ओर टॉरेंट समूह ने सिर्फ 3,750 करोड़ रुपये ही अग्रिम नकदी के रूप में देने की बात कही है.
किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी यानी एनबीएफसी (NBFC) के लिए आईबीसी (IBC) कानून के तहत इतने बड़े पैमाने पर लगाई गई यह पहली बोली है. रिलायंस कैपिटल के बड़े कर्जदाताओं एलआईसी और ईपीएफओ की पहल पर यह ई-नीलामी आयोजित की गई है. इन दोनों की सीओसी में कुल मिलाकर 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय तय किया हुआ है. यह सम यसीमा पहले ही बढ़ाई जा चुकी है. बता दें कि रिलायंस कैपिटल इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है.