हवाई अड्डों का परिचालन करने वाली सरकारी कंपनी एएआई ने कहा है कि वह बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन के विमान का नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद ही पट्टादाता कंपनी को उड़ानों के लिए सौंपेगी। एएआई ने बकाया न मिलने पर इन विमानों को कब्जे में ले रखा है।
भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के चेयरमैन वीपी अग्रवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक संगोष्ठी के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘केप टाउन संधि में शामिल होने के कारण हमें किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा पट्टे पर लिए गए उन विमानों को छोड़ा ही है जिनका पंजीकरण रद्द हो चुका है।’’
किंगफिशर को एएआई का 295.50 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है। अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय की अनुमति के बाद ही पट्टादाता को विमान उड़ाने के लिए वापस लौटाए जाएंगे।
मंत्रालय ने अभी तक इस मुद्दे पर फैसला नहीं किया है। अमेरिका की विमान वित्त कंपनी इंटरनेशनल लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएलएफसी) ने भारत से किंगफिशर को पट्टे पर दिए गए उसके छह विमान मुक्त करने को कहा है जो कि दिल्ली, मुंबई और चेन्नई हवाई अड्डों पर बेकार खड़े हैं। किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा बकाया कर अदा नहीं करने की वजह से सेवा कर विभाग और अन्य ने इन विमानों को अपने कब्जे में ले लिया था।