सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 11 जनवरी, 2013 तक पूरी करने की अनुमति दे दी।
न्यायालय ने कहा कि यदि सरकार नई समय सीमा के भीतर नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं करती है तो उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी तथा केएस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, "यदि सरकार निर्धारित समय में नीलामी प्रक्रिया पूरी करने से चूकती है तो उस पर भारी अर्थ दंड लगाया जा सकता है।"
केंद्र सरकार ने नीलामी शुरू करने के लिए 12 नवम्बर और उसके बाद 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन की नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के लिए 40 दिन के अतिरिक्त समय की मांग की थी।
इससे पहले न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के लिए 31 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन दूरसंचार विभाग ने इसके विस्तार की मांग की थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि जिन ऑपरेटर्स के लाइसेंस सात सितम्बर को रद्द किए गए, वे 18 जनवरी तक अपनी सेवा जारी रख सकते हैं।
न्यायालय ने इस साल दो फरवरी को दिए गए आदेश में 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए और सरकार को इनका आवंटन नीलामी प्रक्रिया के जरिये करने के निर्देश दिए गए थे। पहले इसके लिए दो जून की तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे दूरसंचार विभाग की याचिका पर बाद में 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय से 11 जनवरी, 2013 तक नीलामी प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति मिलने से पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने नीलामी तथा सम्भावित बोली लगाने वालों के लिए नियमों को लेकर सूचनापत्रक जारी किया।
दूरसंचार विभाग ने कहा कि वह आवेदन आमंत्रित करने के लिए 28 सितम्बर को नोटिस जारी करेगा। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 19 अक्टूबर होगी।
बोली लगाने वालों की अंतिम सूची छह नवम्बर को घोषित की जाएगी। उसके बाद सात और आठ नवम्बर को नीलामी का पूर्वाभ्यास होगा। 12 नवम्बर को 1800 मेगाहट्र्ज बैंड की ई-नीलामी होगी। 1800 मेगाहट्र्ज बैंड की नीलामी पूरी होने के दो दिन बाद 800 मेगाहट्र्ज बैंड की ई-नीलामी होगी।
दूरसंचार विभाग ने कहा कि सफल निविदा राशि का भुगतान सम्बंधित ई-नीलामी पूरी होने के 10 दिनों के भीतर करना होगा।