बैंकों में 78 हजार करोड़ जमा कर ‘भूल’ गए लोग, कोई नहीं लेने वाला

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खाताधारकों की सहायता के लिए तथा निष्क्रिय खातों पर मौजूदा अनुदेशों को समेकित तथा युक्तिसंगत बनाने के मकसद से इस वर्ष की शुरुआत में बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले उपायों पर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपये हो गयी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बृहस्पतिवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2023 के अंत में जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में राशि 62,225 करोड़ रुपये थी. सहकारी बैंकों सहित सभी बैंक, खाताधारकों की 10 या अधिक वर्षों से उनके खातों में पड़ी हुई दावा न की गई जमाराशियों को भारतीय रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में स्थानांतरित करते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खाताधारकों की सहायता के लिए तथा निष्क्रिय खातों पर मौजूदा अनुदेशों को समेकित तथा युक्तिसंगत बनाने के मकसद से इस वर्ष की शुरुआत में बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले उपायों पर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे.

इनमें खातों तथा जमा राशियों को निष्क्रिय खातों और बेदावाकृत जमाराशियों के रूप में वर्गीकृत करने के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया था. संशोधित निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और सभी सहकारी बैंकों पर एक अप्रैल 2024 से लागू हुए.

Advertisement

ये भी पढ़ें:-

अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हुए नुकसान की भरपाई की - गौतम अदाणी बोले, "जिस तूफ़ान ने इम्तिहान लिया, उसी ने मज़बूत बनाया..."

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top 100 Headlines: Raja Raghuvanshi हत्याकांड में CBI जांच की सिफारिश | Indore Couple Missing
Topics mentioned in this article