शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली के बीच फार्मा सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयर आज अचानक गिर गए. इसकी वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान, जिसमें उन्होंने भविष्य में दवाओं पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया है. ट्रंप ने एयर फोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि फार्मा में टैरिफ उस लेवल पर आने वाला है, जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा." उन्होंने कहा कि फार्मा सेक्टर के लिए एक अलग कैटेगरी बनाई जाएगी और इसका ऐलान जल्द ही किया जाएगा.
कल तक फार्मा कंपनियों में जश्न, आज मायूसी
एक दिन पहले यानी गुरुवार को जब ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी, तब फार्मा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी. लेकिन अब ट्रंप के बयान के बाद माहौल पूरी तरह पलट गया है. निवेशकों में डर है कि अगर टैरिफ लगता है तो भारत की फार्मा कंपनियों की कमाई पर असर पड़ सकता है.
फार्मा कंपनियों के शेयर10% तक लुढ़के
आज कई बड़ी फार्मा कंपनियों के शेयर 7-10% तक गिर गए.अरविंदो फार्मा करीब 10% टूटा,लॉरेस लैब, इप्का लैब में 9% तक की गिरावट आई. वहीं, ल्यूपिन, जायडस, सिप्ला, बायोकॉन के शेयर 7-8% तक नीचे लुढ़के. इन सबके चलते Nifty Pharma Index में भी लगभग 5% की गिरावट आई, जबकि गुरुवार को ये इंडेक्स 4.98% ऊपर था. यानी जो तेजी एक दिन पहले आई थी, वो आज पूरी तरह खत्म हो गई.
क्या कहती है सिटी बैंक की रिपोर्ट ?
इससे पहले अप्रैल की शुरुआत में सिटी बैंक ने अनुमान लगाया था कि अमेरिका की तरफ से भारत की दवा कंपनियों पर टैरिफ लगने की संभावना कम है. उनके मुताबिक, सन फार्मा, टॉरेंट फार्मा और डिवीज लैब जैसी कंपनियां जिनकी अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम है, उनके मुनाफे पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
भारत और अमेरिका का दवा कारोबार मजबूत
भारत हर साल अमेरिका से करीब 800 मिलियन डॉलर की दवाएं खरीदता है, जबकि अमेरिका को लगभग 8.7 बिलियन डॉलर की दवाओं का एक्सपोर्ट करता है. दोनों देशों के बीच फार्मा सेक्टर में मजबूत बिजनेस रिलेशन हैं.
IPA का क्या कहना है?
इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA ) के सेक्रेटरी जनरल सुदर्शन जैन ने बताया कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है और मिशन 500 के तहत इसे 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि फार्मा सेक्टर इस साझेदारी की रीढ़ है, क्योंकि भारत पूरी दुनिया को सस्ती और जरूरी दवाएं सप्लाई करता है.