Budget 2024: राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट पेश करने से पहले दही-चीनी खिलाकर वित्त मंत्री को दी शुभकामनाएं, जानें महत्व

Budget 2024: वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर बजट पेश करने के लिए मंजूरी मांगी. राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट को अपनी मंजूरी देते हुए वित्त मंत्री को दही-चीनी खिलाकर शुभकामनाएं दीं.

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Budget 2024: राष्ट्रपति मुर्मू ने वित्त मंत्री को खिलाई दही-चीनी.

Budget 2024: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की उम्मीदों का बजट पेश कर रही हैं. कैबिनेट ने बजट को मंजूरी दे दी है. इससे पहले वह अपनी टीम के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंची थीं. वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर बजट पेश करने के लिए मंजूरी मांगी. राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट को अपनी मंजूरी देते हुए वित्त मंत्री को दही-चीनी खिलाकर शुभकामनाएं दीं. 

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स्थापित परंपरा के तहत वित्त मंत्री ने संसद जाने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की. केंद्रीय बजट पेश करने के लिए संसद के लिए रवाना होने से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने सीतारमण को परंपरा के अनुसार कोई शुभ काम करने से पहले दही-चीनी खिलाया. इसके बाद बजट को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें बजट को मंजूरी दे दी गई. 

बजट से पहले क्यों खिलाते हैं दही-चीनी?

बजट से पहले दही चीनी खिलाने की परंपरा है. दरअसल भारतीय संस्कृति में दही-चीनी को काफी शुभ शगुन माना जाता है. किसी भी अच्छे काम के लिए जाते समय उनके सभल होने की उम्मीद के साथ ही दही-चीनी खिलाया जाता है. वहीं वित्त मंत्ती को बजट पेश करने की औपचारिक अनुमति देना इसी रस्म के साथ कंप्लीट होता है. 

हिंदू धर्म में दही-चीनी का महत्व जानें?

हिंदू धर्म में दही शुद्धता और पवित्रता और चीनी को मिठास और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है. दही और चीनी बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है. अच्छे काम की शुरुआत दही-चीनी के साथ करना उस काम के सफलता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. यही वजह है कि बजट से पहले भी दही-चीनी खिलाकर वित्त मंत्री को शुभकामनाएं दी जाती हैं. 

निर्मला सीतारमण का सातवां बजट

लोकसभा में वित्त मंत्री के तौर पर सीतारमण अपना सातवां बजट पेश कर रही हैं, जिससे लोगों में काफी उम्मीदें हैं.  बजट में मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कामकाज की झलक देखने को मिलेगी, साथ ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की रूपरेखा भी पेश की जाएगी. सीतारमण ने 2019 में शुरू की गई परंपरा को जारी रखते हुए बजट भाषण को ‘बही-खाता' शैली की थैली में लिपटा एक डिजिटल टैबलेट रखा.  टैबलेट को ब्रीफकेस के बजाय एक लाल कवर के अंदर रखा गया था जिस पर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक बना था.
 

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