'यह बजट सिर्फ खर्च और खर्च पर केंद्रित होगा': विशेषज्ञों का सर्वेक्षण में अनुमान

Budget 2022: सर्वे में कहा गया है कि एक और साल के लिए खर्च में बढ़ोत्तरी की जा सकती है और वित्त मंत्री सरकार के बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6% से अधिक रख सकती हैं.

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बजट 2022: निर्मला सीतारमण लगातार चौथी बार मंगलवार को आम बजट पेश करेंगी. (फाइल फोटो)

मंगलवार (1 फरवरी) को देश का केंद्रीय बजट (Budget 2022) पेश किया जाना है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लगातार चौथी बार आम बजट पेश करने जा रही हैं. उससे पहले किए गए एक सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का खिताब हासिल करने के लिए तैयार है, घरेलू खर्च को बढ़ाकर और fiscal consolidation हासिल कर विकास को प्राथमिकता देगा.

Bloomberg द्वारा संकलित अनुमानों के औसत पर रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष में बजट को सालाना आधार पर लगभग 14% बढ़ाकर ₹39.6 लाख करोड़ ($ 527 बिलियन) कर सकती हैं. सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त मंत्री टैक्स रेट को काफी हद तक अपरिवर्तित रख सकती हैं और इसके बजाय संपत्ति की बिक्री से आय और लगभग 13 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उधार पर भरोसा कर सकती हैं.

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सर्वे में कहा गया है कि एक और साल के लिए खर्च में बढ़ोत्तरी की जा सकती है और वित्त मंत्री सरकार के बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6% से अधिक रख सकती हैं. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में घरेलू खर्च जीडीपी का 6.8% की बजाय महामारी को देखते हुए सीतारमण अगले वित्त वर्ष में घरेलू खर्च सकल घरेलू उत्पाद का 6.1% लक्षित कर सकती हैं.

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड बैंकिंग ग्रुप लिमिटेड के अर्थशास्त्री धीरज निम और संजय माथुर ने एक रिपोर्ट में लिखा है, "महामारी से रिकवरी तेज हुई है लेकिन यह अभी अधूरी है. इस प्रकार राजकोषीय वापसी और आर्थिक सुधार के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने की जरूरत है."

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उधर, ऑक्सफैम ने कोविड महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए देश की 10 फीसदी अमीर आबादी पर 1% सरचार्ज लगाने की सिफारिश की है, ताकि बेरोजगारी और असमानताओं को बढ़ावा देने वाले कोविड -19 के ओमिक्रॉन संस्करण को रोकने के लिए प्रतिबंधों के साथ-साथ अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन हो सके और लोग गरीबी से बाहर निकल सकें. ऑक्सफैम के मुताबिक इसके लिए वित्त मंत्री सीतारमण पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लेकर स्वास्थ्य देखभाल तक हर चीज पर खर्च बढ़ाने का दबाव होगा.

मुंबई में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड की अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने भी उम्मीद जताई है कि रोजगार सृजन और फर्टिलाइजर सब्सिडी के माध्यम से घरेलू खर्च जारी रखते हुए बजट में ग्रामीण क्षेत्र का समर्थन जारी रखा जा सकता है.

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