
हरियाणा सरकार ने हाल ही में सिंगर मासूम शर्मा के तीन गानों को यूट्यूब से हटा दिया है. दावा किया गया कि यह गाने गन कल्चर को प्रमोट करते हैं. हालांकि मासूम शर्मा ने दावा किया कि यह फैसला एक ऐसे व्यक्ति के साथ पर्सनल रंजिश के कारण हुआ है, जो अब राज्य सरकार के पब्लिसिटी सेल में काम करता है. इसके चलते यह मामला काफी चर्चा में है. वहीं फैंस और इंटरनेट यूजर्स रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि मासूम 33 वर्षीय हरियाणवी सिंगर हैं, जिन्हें पिछले साल रिलीज हुए ईपी रूपा के लिए जाना जाता है.
कौन है मासूम शर्मा
वह हरियाणवी पॉप गानों जैसे जब नाम भोले का (2021), 2 नंबरी (2021), गुंडे ते प्यार (2021), ट्यूशन बदमाशी का (2022), भगत आदमी (2022), एक खोलता जेल के बिठार (2023), बदमाशां का ब्याह (2024) और लोफर (2024) के लिए जाना जाता है. हरियाणा सरकार ने मासूम शर्मा के तीन गाने - ट्यूशन बदमाशी का, 60 मुकद्दमे और खटोआ - यूट्यूब से हटा दिए क्योंकि वे कथित तौर पर "बंदूक संस्कृति" को बढ़ावा देते हैं. बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गाने चिंता का विषय रहे हैं, पड़ोसी राज्य पंजाब में भी कई गायक इसी तरह के गाने गा रहे हैं, जिसकी चर्चा हर तरफ होती है.
मासूम शर्मा ने बैन के खिलाफ दावा किया कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. फेसबुक लाइव पर मासूम ने हरियाणा सरकार में पब्लिसिटी सेल में काम करने वाले एक आदमी द्वारा भेदभाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी, जो अब सरकार में उच्च पद पर है, उसने पुरानी रंजिश के कारण मासूम के खिलाफ पर्सनल द्वेष के चलते ये काम किया है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथी हरियाणवी आर्टिस्ट नरेंद्र भगाना और अंकित बालियान के एक-एक गाने को भी यूट्यूब से हटा दिया गया, ताकि यह दिखाया जा सके कि उन्हें निशाना नहीं बनाया जा रहा है. आगे मासूम शर्मा ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने सूरजकुंड मेले में एक अन्य हरियाणवी गायक केडी दानोदा के शो को भी रद्द कर दिया था.
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