संजय दत्त का नाम आता है तो सबसे पहले एक ही गाना जेहन में आता है नायक नहीं खलनायक हूं मैं...वैसे तो संजय दत्त को भी अपनी सेकंड इनिंग में थोड़े ग्रे शेड्स के रोल से ही ज्यादा पहचान मिली. बतौर हीरो 27 साल की उम्र में बॉलीवुड में एंट्री करने वाले संजय दत्त की पर्सनल लाइफ में बहुत से उतार चढ़ाव आए. एक समय तो ऐसा भी था जब उनकी मां का साथ भी छूटा और उन्हें ड्रग्स, हथियार और जेल के चक्करों में भी उलझना पड़ा. इसी बीच उनकी जिंदगी में एक वाकया भी ऐसा हुआ जो वो कभी भुला नहीं सकते.
छुपाई पापा की पिस्तौल
संजय दत्त ने बहुत कम उम्र से ही बहुत नॉटी रहे हैं. खासतौर से बंदूक देखकर वो खुद को रोक नहीं पाते थे. गन्स से खेलने के शौकीन संजय दत्त ने एक बार अपने पापा सुनील दत्त की लाइसेंसी बंदूक को ही अपने पास रख लिया. वो पिस्तौल को ऐसे छुपा कर रखते थे कि उनके पापा को वो नजर ही न आए. वो गुपचुप तरीके से उस लोडेड पिस्तौल से खेलते रहते थे. एक दिन गलती से खेलते हुए उनके हाथ से पिस्टल का ट्रिगर दब गया. पिस्तौल लोडेड थी. जिसकी गोली सीधे उनके घर काम करने वाली हाउस हेल्प को जाकर लगी.
मेड का इलाज
संजय दत्त इस हादसे को देखकर घबरा गए. इसकी जानकारी जब उनके पापा सुनील दत्त और मम्मी नरगिस दत्त को हुई तो वो दोनों भी चिंता में आ गए. लेकिन मामले को दबाने की जगह उन दोनों ने मिलकर अपनी मेड की पूरी मदद की. उसका इलाज करवाया. हालांकि उन्होंने मामले को रफा दफा करने की भी पूरी कोशिश की ताकि संजय दत्त पर कोई इल्जाम न लग सके. इसके अलावा भी अपनी शुरुआती दिनों में संजय दत्त नशे की लत और दूसरे मामलों में उलझे रहे. जिनसे वो बमुश्किल उभर सके. और अब एक स्टेबल लाइफ बिता रहे हैं.
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