
उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondakar) ने किया ट्वीट
खास बातें
- अमृता प्रीतम की जयंती पर उर्मिला मातोंडकर ने किया ट्वीट
- उर्मिला मातोंडकर ने उन्हें ट्वीट के जरिए किया याद
- अमृता प्रीतम की आज 100वीं जयंती है
पंजाबी कवयित्री और कथाकार अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) की आज 100वीं जयंती है. बॉलीवुड एक्ट्रेस और हाल ही में नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondakar) ने इस मौके पर उन्हें याद किया. उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondakar) ने अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) की जयंती पर ट्वीट के जरिए उन्हें याद किया. उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondakar) ने लिखा: 'पिंजर' और कई ऐसे खूबसूरत साहित्य रत्नों के लिए अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) आपका धन्यवाद. उर्मिला मातोंडकर ने इस तरह अमृता प्रीतम को याद किया. उनके ट्वीट पर खूब रिएक्शन भी आ रहे हैं.
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Thank you #AmritaPritam for “Pinjar” and many such beautiful literary jewels.. Remembering #AmritaPritam on her birthday ⭐️ pic.twitter.com/hFY0JtefVs
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) August 31, 2019
पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) के सम्मान में गूगल ने भी डूडल बनाकर उनको सम्मान दिया. उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondakar) वैसे भी हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखती हैं. अमृता प्रीतम का जन्म पंजाब के गुजरांवाला जिले में 31 अगस्त 1919 को हुआ था. उनका ज्यादातर समय लाहौर में बीता और वहीं पढ़ाई भी हुई. किशोरावस्था से ही अमृता को कहानी, कविता और निबंध लिखने का शौक था. जब वह 16 साल की थीं तब उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ. 100 से ज्यादा किताबें लिख चुकीं अमृता को पंजाबी भाषा की पहली कवियित्री माना जाता है. भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर उनकी पहली कविता अज आंखन वारिस शाह नू बहुत प्रसिद्ध हुई थी.
अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण मिला था. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. 1986 में उन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए भी काम किया था. अमृता की आत्मकथा 'रसीदी टिकट' बेहद चर्चित है. उनकी किताबों का अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हुआ. 31 अक्टूबर 2005 को उनका निधन हो गया था.
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