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अमिताभ बच्चन के स्टारडम को दी थी इस सुपरस्टार ने टक्कर, 37 साल पहले किया कमबैक तो फिल्म देखने के लिए उमड़ी भीड़, 1 km लंबी थी लाइन

80 के दशक में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को विनोद खन्ना से कड़ी टक्कर मिली थी. लेकिन जब वह पांच साल का करियर ब्रेक लेने के बाद ओशो आश्रम से लौटे तो फैंस की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ी थी.

अमिताभ बच्चन के स्टारडम को दी थी इस सुपरस्टार ने टक्कर, 37 साल पहले किया कमबैक तो फिल्म देखने के लिए उमड़ी भीड़, 1 km लंबी थी लाइन
Vinod Khanna Stardom: अमिताभ बच्चन के स्टारडम को विनोद खन्ना ने दी थी टक्कर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के सुपरस्टार्स की फिल्मों को फैंस फैंस का खूब प्यार मिलता है. वहीं अगर कोई एक्टर सालों बाद कमबैक करे तो फैंस की दिल की तमन्ना उन्हें पर्दे पर देखने की पूरी हो जाती है. ऐसा ही कुछ बिग बी के स्टारडम को टक्कर देने वाले इस सुपरस्टार के साथ भी हुई, जिन्होंने अपने करियर के पीच पर फिल्मी दुनिया से किनारा कर लिया और फिर जब वह दोबारा बॉलीवुड में लौटे तो उन्हें पर्दे पर देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती दिखी. 

यह और कोई नहीं सुपरस्टार विनोद खन्ना थे, जिन्होंने करियर छोड़ यूएसए के ओशो आश्रम को ज्वॉइन कर लिया था. इसके पांच साल बाद विनोद खन्ना ने 1987 में आई फिल्म इंसाफ से पॉवरफुल कमबैक किया. इसी बीच हाल ही में एक्टर डायरेक्टर स्क्रीनराइटर अनंत महादेवन ने विनोद खन्ना के लोगों के बीच चार्म के बारे में याद किया. उन्होंने बताया कि विनोद खन्ना की फीस 35 लाख रुपये तय थी, चाहे वह किसी भी फिल्म के लिए कितने भी दिन शूटिंग करें. 

सिद्धार्थ कनन के साथ दिए इंटरव्यू में अनंत महादेवन ने बताया कि विनोद खन्ना के साथ काम करना उनका सपना था. उन्होंने कहा, "मैं विनोद खन्ना जैसे महान पर्सनैलिटी के साथ काम करना चाहता था. जब आप वास्तव में कुछ करते हैं, तो वह सच हो जाता है. जब मैंने नक्सलियों पर आधारित फिल्म रेड अलर्ट बनाई, तो मेरे पास एक बेहतरीन कलाकार था जिसमें आशीष विद्यार्थी, समीरा रेड्डी और सुनील शेट्टी जैसे कलाकार शामिल थे. विनोद खन्ना ने उसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मुझे इस व्यक्ति को देखने, वहां खड़े होकर परफॉर्म करने का शानदार अवसर मिला."

आगे उन्होंने कहा, "मुझे याद है जब इंसाफ रिलीज हुई थी, तो यह ओशो आश्रम से लौटने के बाद उनकी कमबैक फिल्म थी. उनका चार्म इतना था कि लोग अप्सरा थिएटर से लेकर मराठा मंदिर तक एडवांस टिकट खरीदने के लिए कतार में खड़े थे और यह दूरी काफी है, एक किलोमीटर से भी ज्यादा. हालांकि, फिल्म ने अपने शुरुआती क्रेज की तुलना में इतना अच्छा परफॉर्म नहीं किया. लेकिन, विनोद खन्ना एक ऐसे शख्स थे जो हर मौसम में मौजूद रहे. चाहे वह कला हो या राजनीति."

विनोद खन्ना के बारे में उन्होंने कहा, "वह बहुत खुशमिजाज और अच्छे थे. जब भी मैं उनके पास कोई रोल लेकर जाता था, तो वह कहते थे, 'अनंत, तुम मेरे बारे में जानते हो, मेरा बटा रेट है: 35 लाख. मैं 35 लाख चार्ज करता हूं. अब तुम मुझे एक दिन या 20 दिन शूट करवाओ, मेरी फीस वही रहेगी. उनकी फीस एक फ्लैट थी."

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