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लाहौर में पैदा हुए इस लड़के ने राजेश खन्ना की 19 फिल्मों में विलेन बन बनाया रिकॉर्ड, पहचाना?

'प्रेम नाम है मेरा...प्रेम चोपड़ा', बॉलीवुड का खूंखार विलेन प्रेम चोपड़ा 88 साल के हो गए हैं और आज भी उनके डायलॉग को लोग पसंद करते हैं. 

लाहौर में पैदा हुए इस लड़के ने राजेश खन्ना की 19 फिल्मों में विलेन बन बनाया रिकॉर्ड, पहचाना?
प्रेम चोपड़ा ने रिकॉर्ड ब्रेक करते हुए राजेश खन्ना की 19 फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया
नई दिल्ली:

'नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या', 'जिनके घर शीशे के होते हैं, वो बत्ती बुझाकर कपड़े बदलते हैं', 'कर भला तो हो भला', 70 के दशक में हिंदी सिनेमा पर इन डायलॉग का दबदबा था. भले ही ये डायलॉग उस दौर के लिहाज से फूहड़ हो मगर इन संवादों ने बॉलीवुड को ऐसा विलेन दिया, जो अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर छा गए. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के दिग्गज और मशहूर अभिनेता प्रेम चोपड़ा की. 'प्रेम नाम है मेरा...प्रेम चोपड़ा' वाले एक्टर ने खलनायकों के किरदारों को इस अंदाज में निभाया कि आज भी कोई उनकी अदाकारी को भूल नहीं पाया है.

प्रेम चोपड़ा 23 सितंबर 1935 को लाहौर में पैदा हुए. भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार शिमला आ गया, यहीं उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की. उनके पिता चाहते थे कि वह एक डॉक्टर या भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनें. लेकिन, प्रेम चोपड़ा की किस्मत में एक एक्टर बनना लिखा था. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में कई नाटकों में हिस्सा लिया. एक्टिंग की ललक उन्हें मुंबई खींच लाई और साल 1960 में आई फिल्म ‘मुड़-मुड़ के ना देख' से उनका बॉलीवुड में डेब्यू हुआ.

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उन्होंने फिल्म ‘शहीद' में सुखदेव की भूमिका निभाई, जिसे खूब सराहा गया. इस दौरान प्रेम चोपड़ा ने ‘वो कौन थी' फिल्म की, जो बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. इसके बाद उन्होंने मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार' में नेगेटिव रोल किया. तीसरी मंजिल और उपकार में निभाए गए उनके विलेन वाले अवतार को पसंद किया जाने लगा और उन्हें खलनायक के किरदार मिलने लगे.

1967 से 1995 तक ये वो दौर था, जब फिल्मों में विलेन के किरदार के लिए प्रेम चोपड़ा को कास्ट किया जाने लगा. 1970 के दशक में उन्हें सुजीत कुमार और रंजीत के साथ खलनायक के रूप में बेहतरीन भूमिकाएं मिलीं. यही नहीं, उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में अजीत, मदन पुरी, प्राण, प्रेम नाथ, अमरीश पुरी और अमजद खान जैसे कलाकारों के साथ काम किया.

प्रेम चोपड़ा को खलनायक के रूप में पहचान ‘आज़ाद', ‘छुपा रुस्तम', ‘जुगनू', ‘देस परदेस', ‘राम बलराम' और बारूद जैसी फिल्मों ने दिलाई. प्रेम ने अपनी एक्टिंग के बल पर खलनायक के किरदारों को अमर कर दिया. उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग बोलने का अंदाज भी और विलेन से बहुत ही जुदा था. उन्होंने करीब 380 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, इसके अलावा वह पंजाबी फिल्मों में भी नजर आए. उनके नाम राजेश खन्ना की 19 फिल्मों में मुख्य खलनायक की भूमिका निभाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. हिंदी सिनेमा में बेहतरीन भूमिका निभाने वाले प्रेम चोपड़ा की अदाकारी के लोग आज भी दीवाने हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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