
वो अभिनेत्री जो किसी भी किरदार को निभाने के लिए पर्दे पर आती हैं तो उसे लोगों के दिल में उतार देती हैं. इस बेहद टैलेंटेड एक्ट्रेस को इंडस्ट्री ने बैड लक कहा तो वहीं उन्हें अपने फिगर के लिए काफी ट्रोलिंग झेलनी पड़ी.हालांकि कहा जाता है कि इंसान के हुनर के आगे हर चीज छोटी होती है. तभी जिस सिनेमा इंडस्ट्री में लुक और खूबसूरती काफी मायने रखती है. वहां इस एक्ट्रेस ने अपने टैलेंट के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई. हम बात कर रहे हैं बेहद बोल्ड और टैलेंटेड एक्ट्रेस विद्या बालन की. विद्या का जन्म 1 जनवरी 1978 को केरल के एक पलक्कड़ अय्यर परिवार में हुआ था. उनके पिता P.R. बालन ETC चैनल के Vice President है. वहीं उनकी मां एक homemaker हैं.
मुंबई पली -बढ़ी विद्या बालन
विद्या बालन मुंबई में बड़ी हुई. और संत अन्थोनी गर्ल्स उच्च विद्यालय, चेम्बूर में से पढ़ाई की. बाद में उन्होंने संत जेवियर कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक किया.कॉलेज के दौरान ही उन्होंने फिल्मों में काम करने का फैसला किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मलयालम फ़िल्म चक्रम से की, जिसमें फ़िल्म के अभिनेता सुपरस्टार मोहनलाल थे, लेकिन वह फ़िल्म बंद हो गई.उसके बाद उन्होंने एक तमिल फ़िल्म रन साइन की,लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें फिल्म से हटा दिया गया और उनकी जगह मीरा जैसमिन को कास्ट किया गया. उसके बाद उन्हें एक और तमिल फिल्म ऑफर हुई मनासेल्लम, जिसमें उनके साथ थे एक्टर श्रीकांत, लेकिन इस फिल्म से भी उन्हें निकाल दिया गया. उनकी जगह तनु कृष्ण को कास्ट किया गया.
लगातार हुई रिजेक्ट
फिल्मों में लगातार रिजेक्शन के बाद विद्या बालन ने टेलीविजन विज्ञापनों की तरफ रुख किया. 1998 के बाद वह कई टेलीविजन विज्ञापनों में दिखाई दी, जिनमें से अधिकतर विज्ञापनों का निर्देशन प्रदीप सरकार द्बारा किया गया. वहीं उन्होंने कुछ music videos में सहायक भूमिका में यूफोरिया बैंड, सुभा मुदगल और पंकज उधास जैसे गायक और बैंड के साथ काम किया. उसी दौरान विद्या बालन टीवी शो हम पांच के कुछ एपिसोड में राधिका माथुर के रोल में भी दिखाई दी, लेकिन बाद में उनकी जगह अमिता नांगिया को इस रोल के लिए रिप्लेस कर दिया गया.
बंगाली फिल्म भालो थेको में अभिनय की हुई सराहना
काफी स्ट्रगल और रिजेक्शन के बाद उन्हें 2003 में उन्हें पहली फिल्म मिली. वह थी बंगाली भाषा में आई फिल्म भालो थेको. इस फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए आनंदलोक पुरस्कार से नवाजा गया..इस फिल्म में उनके अभिनय प्रतिभा को खूब सराहा गया. इसके बाद उनके लिए बॉलीवुड के द्वार भी खुल गए. बॉलीवुड में उन्होंने 2005 में फिल्म परिणीता से डेब्यू किया. फिल्म ज्यादा नहीं चली, लेकिन समीक्षकों द्वारा इस फिल्म को खूब सराहा गया. उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया. उनकी पहली कमर्शियल फिल्म थी राजकुमार हिरानी की लगे रहो मुन्नाभाई. यह फिल्म 2006 में रिलीज हुई. इस फिल्म से वह रातों रात स्टार बन गई.फिल्म ने बंपर कमाई.
एक के बाद एक 5 कमर्शियली हिट फिल्में दी
इसके बाद वह लगातार 5 कमर्शियल हिट फिल्मों में नजर आईं. इन फिल्मों के जरिए वह दमदार अभिनेत्रियों की लिस्ट में शामिल हो गई. उन्हें कई पुरस्कार भी मिले वो फिल्में हैं 2009 आई पा. 2010 में आई ब्लैक कॉमेडी इश्किया, 2011 में आई बायोपिक द डर्टी पिक्चर और 2012 में आई थ्रिलर्स नो वन किल्ड जेसिका और कहानी. सिल्क स्मिता के रोल के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया. बाद एक समय ऐसा आया कि जिन फिल्मकारों ने विद्या को रिजेक्ट कर दिया था. बाद में उनकी सफलता को देखते हुए वही फिल्म मेकर्स उनके साथ काम करना चाहते थे. एक फिल्म मेकर जिन्होंने फिल्म मनासेलम में रोल देकर बाद में हटा दिया था. बाद में अपनी फ़िल्म दसावतारम में कमल हसन के साथ कास्ट करना चाहते था, लेकिन विद्या ने यह फिल्म करने से मना कर दिया.
फिल्मों ने की बंपर कमाई और मिले पुरस्कार
बाद में वह मणि रत्नम की 2007 में आई फ़िल्म गुरु में दिखीं. फ़िल्म वह एक अपाहिज की भूमिका में थी. इस रोल को आलोचकों द्वारा काफी सराहा गया. इसी उनकी दो और फिल्म Salaam-e-Ishq: A Tribute To Love और Eklavya: The Royal Guard आई.फिल्म ज्यादा चली नहीं, लेकिन दूसरी फ़िल्म को ऑस्कर के लिए भारत की ओर से नामित किया गया. इसी साल उनकी फिल्म हे बेबी और भूल भूलैया ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की.
ट्रोलिंग का करना पड़ा था सामना
कई हिट फिल्में देने वाली विद्या बालन को उनके फिगर के लिए काफी ट्रोल किया गया..एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह अपने ही शरीर से बेहद परेशान रहने लगी थीं.बॉडी शेमिंग के बारे में बात करते हुए, विद्या ने कहा था,'मुझे ऐसा लगता था. जैसे मेरा शरीर वह शरीर नहीं है,जिसकी दुनिया या मेरी मां ने मुझसे उम्मीद की थी.मैं इस मानसिकता से जूझती रही.और कुछ समय बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने शरीर का दुरुपयोग कर रही थी और उससे नफरत करती थी. उन्होंने कहा कि वह अक्सर बीमार पड़ जाती थीं. क्योंकि वह लगातार अपने शरीर को अस्वीकार कर रही थीं. फिर मुझे एहसास हुआ कि अगर यह शरीर नहीं होता तो मैं जीवित नहीं होती. मैंने अपने शरीर से नफरत करते हुए कई साल बिताए हैं.खास बात यह है कि विद्या बालन अब बेहद स्लिम ट्रीम और खूबसूरत दिखती हैं. दरअसल उन्हें कुछ खाने की कुछ चीजों से एलर्जी थी और इन्फ्लेमेशन के कारण उनका वजन बढ़ रहा था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं