सिल्क स्मिता का निधन 35 की उम्र में हुआ था.
नई दिल्ली:
सिल्क स्मिता 1980 और '90 के दशक में ऐसा नाम था, जिसकी चर्चा आते ही लोगों की आह छूट जाती थी. सिल्वरस्क्रीन पर उनकी मादक अदाएं और बिंदास अंदाज ऐसा था कि उनके छोटे से रोल के लिए दर्शक पूरी फिल्म देख डालते थे. तभी तो उन्हें दर्शकों के लिए किसी फैंटेसी से कम नहीं माना जाता था. उन्होंने अपने 17 साल के करियर में 450 तमिल, तेलुग, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में अभिनय किया था. 'सेक्स सायरन' की छवि बनाकर मशहूर हुईं सिल्क की पॉपुलैरिटी किसी सुपरस्टार से कम नहीं थी. शायद उन्हें अपनी लोकप्रियता ही ले डूबी. 23 सिंतबर, 1996 को 35 वर्षीया सिल्क को अपने घर में मृत पाया गया. उनके निधन को 21 साल हो गए हैं. लेकिन उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है.
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असली नाम विजयलक्ष्मी
आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में 2 दिसंबर 1960 को जन्मी विजयलक्ष्मी इस बात से बेखबर थी कि वह एक दिन देश की चर्चित एक्ट्रेस बनेगी. आर्थिक तंगी के कारण सिल्क स्मिता को चौथी क्लास के बाद ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी और उनके मासूम कंधों पर चूल्हें चौके की जिम्मेदारी डाल दी गई. यह सिलसिला आगे भी जारी रहा जब कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई. पति और ससुरालवालों की जबरदस्ती की थोपी गई शर्तों और कायदे कानून ने सिल्क की जिंदगी को बदतर बना दिया था. ऐसे में वह ससुराल छोड़ चेन्नई आ गई और अपनी आंटी के साथ रहने लगी. कुछ सालों तक उन्होंने बतौर मेकअप गर्ल बनकर काम किया, फिर फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिलने लगे और उनका नाम विजयलक्ष्मी से बदलकर स्मिता हो गया.
ऐसे पड़ा सिल्क नाम
1979 में आई मलयालम फिल्म 'इनाए थेडी' उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. अपनी सेक्सी इमेज को भुनने के लिए उन्होंने कैबरे डांस नंबर किए. तमिल फिल्म 'वंडी चक्रम' में उन्हें सुपरहिट एक्ट्रेस का दर्जा दिया, फिल्म में उनके किरदार का नाम सिल्क था. सिल्क का किरदार दर्शकों को इतना भाया कि उनका नाम सिल्क स्मिता पड़ गया.
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हिट की गारंटी बनीं सिल्क
बोल्ड इमेज के लिए मशहूर सिल्क फिल्ममेकर्स की पहली पसंद बन गई. पूरी फिल्म नहीं तो मेकर्स उनसे फिल्मों में आइटम नंबर कराते थे, जिसे हिट की गारंटी माना जाने लगा. जो फिल्में कई सालों से बेकार पड़ी हुई थी, सिल्क का एक गाना जुड़ते ही हाथोंहाथ बिकने लगी. उनकी फिल्मों को सॉफ्ट पॉर्न का दर्जा मिला. और देखते ही देखते फिल्मों के लिए सिल्क हॉट प्रॉपर्टी बन गईं. साउथ फिल्मों के बाद सिल्क ने बॉलीवुड में फिल्म सदमा (1983) से कदम रखा.
अनसुलझी है मौत की गुत्थी
सिल्क ने कभी ऐसी सफलता की उम्मीद नहीं की थी. गरीब घर में पली बढ़ी सिल्क अपनी शौहरत को संभाल नहीं सकीं. दौलत और शोहरत उनके कदम चूम रही थी लेकिन इस चकाचौंध की जिंदगी में वे अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस नहीं कर सकीं. सिल्क को सच्चे प्यार की तलाश थी, लेकिन उन्हें प्यार में भी धोका ही मिला. इसे भुलाने के लिए वो शराब में डूब गईं. काम पर ध्यान ना दे पाने के कारण संकट के बादलों से वो एक बार फिर घिर गईं. और 23 सितंबर, 1996 को चेन्नई स्थित उनके अपार्टमेंट में सिल्क का मृत शरीर पाया था. कुछ लोगों ने इसे आत्महत्या तो कुछ ने मर्डर मिस्ट्री बताया.
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सिल्क की असल जिंदगी की कहानी किसी मसाला फिल्म से कम नहीं है. इसे पर्दे पर मिलन लुथरिया ने दिखाया, जिसमें विद्या बालन ने लीड किरदार बखूबी निभाया.
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असली नाम विजयलक्ष्मी
आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में 2 दिसंबर 1960 को जन्मी विजयलक्ष्मी इस बात से बेखबर थी कि वह एक दिन देश की चर्चित एक्ट्रेस बनेगी. आर्थिक तंगी के कारण सिल्क स्मिता को चौथी क्लास के बाद ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी और उनके मासूम कंधों पर चूल्हें चौके की जिम्मेदारी डाल दी गई. यह सिलसिला आगे भी जारी रहा जब कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई. पति और ससुरालवालों की जबरदस्ती की थोपी गई शर्तों और कायदे कानून ने सिल्क की जिंदगी को बदतर बना दिया था. ऐसे में वह ससुराल छोड़ चेन्नई आ गई और अपनी आंटी के साथ रहने लगी. कुछ सालों तक उन्होंने बतौर मेकअप गर्ल बनकर काम किया, फिर फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिलने लगे और उनका नाम विजयलक्ष्मी से बदलकर स्मिता हो गया.
ऐसे पड़ा सिल्क नाम
1979 में आई मलयालम फिल्म 'इनाए थेडी' उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. अपनी सेक्सी इमेज को भुनने के लिए उन्होंने कैबरे डांस नंबर किए. तमिल फिल्म 'वंडी चक्रम' में उन्हें सुपरहिट एक्ट्रेस का दर्जा दिया, फिल्म में उनके किरदार का नाम सिल्क था. सिल्क का किरदार दर्शकों को इतना भाया कि उनका नाम सिल्क स्मिता पड़ गया.
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हिट की गारंटी बनीं सिल्क
बोल्ड इमेज के लिए मशहूर सिल्क फिल्ममेकर्स की पहली पसंद बन गई. पूरी फिल्म नहीं तो मेकर्स उनसे फिल्मों में आइटम नंबर कराते थे, जिसे हिट की गारंटी माना जाने लगा. जो फिल्में कई सालों से बेकार पड़ी हुई थी, सिल्क का एक गाना जुड़ते ही हाथोंहाथ बिकने लगी. उनकी फिल्मों को सॉफ्ट पॉर्न का दर्जा मिला. और देखते ही देखते फिल्मों के लिए सिल्क हॉट प्रॉपर्टी बन गईं. साउथ फिल्मों के बाद सिल्क ने बॉलीवुड में फिल्म सदमा (1983) से कदम रखा.
अनसुलझी है मौत की गुत्थी
सिल्क ने कभी ऐसी सफलता की उम्मीद नहीं की थी. गरीब घर में पली बढ़ी सिल्क अपनी शौहरत को संभाल नहीं सकीं. दौलत और शोहरत उनके कदम चूम रही थी लेकिन इस चकाचौंध की जिंदगी में वे अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस नहीं कर सकीं. सिल्क को सच्चे प्यार की तलाश थी, लेकिन उन्हें प्यार में भी धोका ही मिला. इसे भुलाने के लिए वो शराब में डूब गईं. काम पर ध्यान ना दे पाने के कारण संकट के बादलों से वो एक बार फिर घिर गईं. और 23 सितंबर, 1996 को चेन्नई स्थित उनके अपार्टमेंट में सिल्क का मृत शरीर पाया था. कुछ लोगों ने इसे आत्महत्या तो कुछ ने मर्डर मिस्ट्री बताया.
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सिल्क की असल जिंदगी की कहानी किसी मसाला फिल्म से कम नहीं है. इसे पर्दे पर मिलन लुथरिया ने दिखाया, जिसमें विद्या बालन ने लीड किरदार बखूबी निभाया.
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