हिंदी भाषा के दर्शकों के बीच जब भी हॉरर शो की बात होती है तो एक ही शो का नाम सबसे पहले जुबान पर आता है. ये शो है जी हॉरर शो. बात चाहें हॉरर शोज की हो या फिर हॉरर फिल्मों की. दर्शकों का दूसरी दुनिया के डर से परिचय कराने का क्रेडिट एक फैमिली को जाता है. ये फैमिली है रामसे ब्रदर्स फैमिली. जिसने लंबे समय तक हॉरर थीम पर बेस्ड मूवी और शो बनाए हैं. लेकिन ये कोई इत्तेफाक नहीं है कि रामसे ब्रदर्स सिर्फ हॉरर फिल्में ही बनाता रहा है. बल्कि एक रियल लाइफ इंसिडेंट के बाद उन्हें इस तरह की पेशकश तैयार करने का ख्याल आया.
रामसे परिवार की ही एक सदस्य ने अपनी किताब घोस्ट्स इन ऑर बैकयार्ड: दी रामसेस रियल लाइफ एनकाउंटर्स विद द सुपरनैचुरल में इस रियल लाइफ एक्सपीरियंस के बारे में लिखा है. ये सदस्य हैं अलीशा कृपलानी. जो एफयू रामसे की नातिन हैं. अलीशा कृपलानी ने अपने अंकल श्याम रामसे से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है. जिसके मुताबिक, बात 1983 की है. श्याम रामसे महाबलवेश्वर से मुंबई अपने घर को लौट रहे थे. उन्होंने उस सलमय पुराना मंदिर फिल्म की शूटिंग खत्म की थी. रास्ते में उन्होंने एक लेडी को लिफ्ट दी थी. ये महिला कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी. श्याम रामसे बातचीत करने के शौकीन थे. उन्होंने उस महिला से बात करना शुरू कर दिया. उससे बात करते हुए उन्हें अहसास हुआ कि महिला थोड़ी अजीब है. इसके बाद उन्होंने महिला के पैरों की तरफ ध्यान दिया. उस महिला के पैर भी उलटे थे. महिला जिस लोकेशन पर उतरी, वो जगह भी कब्रिस्तान के पास ही थी.
वीराना फुल हिंदी मूवी
इस रियल लाइफ इंसिडेंट से रामसे ब्रदर्स को अपनी हॉरर फिल्म वीराना बनाने का आइडिया आया. बता दें श्याम रामसे इस फिल्म के राइटर भी थे और डायरेक्टर भी थे. इस काम में उनका साथ दिया था तुलसी रामसे ने. फिल्म एक ऐसी लड़की कहानी थी जिस पर एक शैतानी साया हावी हो जाता है. उसकी वजह से लड़की गलत कारनामों को अंजाम देती है. 1988 में आई फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी. वीराना का बजट लगभग 60 लाख रुपये बताया जाता है लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर ढाई करोड़ रुपये की कमाई की थी.
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