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This Article is From Oct 06, 2017

गोलमाल फिल्म करने के बाद ढाबे पर काम करने लगा था ये एक्टर, जानिए कैसे बदली LIFE

कॉमेडियन संजय मिश्रा का जन्म 6 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ था. संजय के पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से जर्नलिस्ट थे जबकि उनके दादा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट थे. सजंय जब नौ साल के थे तो उनकी फैमिली वाराणसी शिफ्ट हो गई थी.

गोलमाल फिल्म करने के बाद ढाबे पर काम करने लगा था ये एक्टर, जानिए कैसे बदली LIFE
एक्टर और कॉमेडियन संजय मिश्रा.
नई दिल्ली: एक्टर और कॉमेडियन संजय मिश्रा का जन्म 6 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ था. संजय के पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से जर्नलिस्ट थे जबकि उनके दादा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट थे.  सजंय जब नौ साल के थे तो उनकी फैमिली वाराणसी शिफ्ट हो गई थी. संजय ने अपनी एजुकेशन वाराणसी से केंद्रीय विद्यालय बीएचयू कैम्पस से की. इसके बाद इन्होंने बैचलर की डिग्री साल 1989 में पूरी करने के बाद 1991 में राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में एडमिशन लिया.

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आज संजय के पास फॉर्च्यूनर और BMW जैसी लक्जरी गाड़ियां हैं. पटना और मुंबई में कई घर हैं. लेकिन संजय की लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने एक्टिंग को टाटा कह दिया था और एक छोटे से ढाबे पर जाकर नौकरी करने लगे थे. आज संजय मिश्रा का जन्मदिन है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी जिंदगी के बारे में ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं. 

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sanjay mishra

इसलिए छोड़ दी थी एक्टिंग...
संजय के जब पिता की डेथ हुई, तो वो एक्टिंग छोड़कर ऋषिकेश चले गए थे. जहां वो एक ढाबे पर काम करने लगे. दरअसल संजय अपने पिता के बहुत करीब थे. पिता की मौत ने उनको ऐसा झकझोरा कि वो गुमशुदा हो गए और अकेला महसूस करने लगे. संजय सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके थे लेकिन इतनी फिल्मों के बाद भी उन्हें वो सफलता नहीं मिली जिसके वो हकदार थे. शायद इसी वजह से ढाबे पर संजय को किसी ने पहचाना भी नहीं. दिन बीतते गए और उनका वक्त ढाबे पर सब्जी बनाने, आमलेट बनाने में कटने लगा था.

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sanjay mishra

रोहित शेट्टी ने बदली उनकी जिंदगी
संजय अपनी पूरी जिंदगी उस ढाबे पर काम करने में ही निकाल देते अगर रोहित शेट्टी ना होते. रोहित और संजय फिल्म 'गोलमाल' में साथ काम कर चुके थे. वो अपनी अगली फिल्म 'ऑल द बेस्ट' पर काम कर रहे थे और उसी दौरान उन्हें संजय का ख्याल आया. संजय फिल्मों लौटने को तैयार नहीं थे, लेकिन रोहित शेट्टी ने उन्हें मनाया और फिल्म में साइन किया. इसके बाद तो सभी जानते हैं फिर संजय ने कभी बॉलीवुड छोड़ने का मन नहीं किया. 

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